सिलिंडर हुआ महंगा, देशी जुगाड़ ‘लकड़ी’ से खाना बनाने को मजबूर हो रहीं महिलाएं

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजूर,,,
गैस सिलिंडर के बढ़ते मूल्य से रसोई घर का बजट बिगड़ गया है। अंचल में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गरीबों को गैस सिलिंडर और चूल्हा तो बांटे गए मगर मूल्य बढ़ने से आम जनता उसे रिफिलिंग नहीं करा पा रही है। जिसके चलते परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना से गरीबों में एक उम्मीद जागी पर महंगाई ने गरीबों की उम्मीदों को पानी-पानी कर दिया।

योजना के तहत गरीबों को 200 रुपये में कनेक्शन तो मिला पर गैस की बढ़ती मूल्यों ने कमर तोड़कर रख दिया। गरीबों के लिए 1150 रुपये में गैस रिफिल करना असंभव हो गया है। अब ग्रामीण अंचल के लोग जंगल से लकड़ी इकट्ठा करने में जुट गए हैं, जिसमें बच्चे भी अपने स्वजनों के हांथ बंटा रहे हैं।

ग्रामीण अशोक प्रधान, दीपंकर मंडल,रीता कुण्डू,भारती कुण्डू ने कहा कि नया कनेक्शन की तरह अगर रिफिलिंग भी सस्ती होती तो हमें राहत मिलती, मगर 11-12 सौ रुपये हमारे लिए प्रतिमाह देकर रिफिलिंग करवाना काफी कठिन सबित हो रहा है। सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का उद्देश्य था कि महिलाओं को धुआं मुक्त करना पर इस समय गैस की कीमतों में भारी इजाफा हुआ। जिसके चलते अब गैस से खाना बनाना एक सपना बनकर रह गया। गैस सिलिंडर और चूल्हा घर की शोभा बढ़ाने का काम कर रही हैं तो वही देशी जुगाड़ लकड़ी से खाना बनाने के लिए महिलाएं मजबूर हो रही हैं।

वर्षा के दिनों में लकड़ी जलाना भारी परेशानी होता हैं फिर भी मजबूरी के चलते चूल्हा फूंकना पड़ रहा है। जैसे-तैसे सिलिंडर रिफिल कभी-कभी कर लेते हैं तो उस पर भी सालों से सब्सिडी नहीं मिलती। ऐसे में गरीबों के लिए रसोर्ई गैस से खाना बनाना एक सपना ही रह गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना धरातल पर दम तोड़ते नजर आ रही है। सरकार की योजना के तहत गैस की सब्सिडी भी मिलती तो कुछ हद तक राहत भी मिल जाती पर हितग्राहियों के खाते में सब्सिडी की राशि नहीं आई।

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