पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-
पखांजूर।
मनरेगा कमर्चारियों की 66 दिन पुरानी हड़ताल भले ही समाप्त हो गई हो पर अब भी मनरेगा कर्मी काम पर नहीं लौटे है। उनकी मांग है की जब तक बखार्स्त कमिर्यों को वापस लेने का आदेश जारी नहीं होता तक तक कोई मनरेगा कर्मी काम पर वापस नहीं लौटेगा। आज भी विकासखंड कोयलीबेड़ा में मनरेगा कायार्लय पूर्व की तरह सूना रहा कोई कमर्चारी काम पर नहीं लौटा। अपनी मांगों को ले कर 4 अप्रैल से मनरेगा कमर्चारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर थे। 6 जून को इनकी हड़ताल प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के आश्वासन पर समाप्त हो गई। पर हड़ताल के दौरान शासन की ओर से मनरेगा कमर्चारियों पर दवाव बनाने के लिए जिला के 21 जिला कायर्क्रम अधिकारी को बखार्स्त कर दिया गया था। हड़ताल से वापसी के दौरान मनरेगा कर्मी इन बखार्स्त कमर्चारियों को बहाल करने की मांग की थी जिस पर शासन की सहमती दी गई थी। अब मनरेगा कर्मी इन जिला कायर्क्रम अधिकरियों को बहाली की मांग कर रहे है और तब तक काम पर नहीं लौटेगे जब तक बखार्स्त कमर्चारियों को बहाल नहीं किया जाता। विकासखंड कोयलीबेड़ा के मनरेगा कमर्चारी संघ से अध्यक्ष ललीत सोनी ने बताया की उनके संघ ने फैसला लिया है की शासन पहले बखार्स्त कमर्चारियों को बहाल करे तब कमर्चारी काम पर वासस जाऐगे जिस कारण कमर्चारी काम पर नहीं लौट रहे है।