डोटोमेटा में रूढ़ी प्रथा समिति बनाकर कर रहे तेंदूपत्ता खरीदी–दो लाख से अधिक गड्डी तेंदूपत्ता जमा-

पखांजुर से बिप्लब कुण्डू-

पखांजूर
शासन द्वारा तेंदूपत्ता की दर नहीं बढ़ाने से नाराज ग्रामीणों ने रूढ़ी प्रथा पारंपरिक ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित करते तेंदूपत्ता की दर शासन द्वारा का निर्णय लिया है । तेंदूपत्ता खरीदने ग्राम डोटोमेटा में एक समिति बनाई गई है , जो पांच सौ की दर से तेंदूपत्ता खरीदी कर रही है । अब तक दो लाख तेंदुपत्ता की खरीदी भी कर ली गई है । वहां से मिले पैसों से तेंदूपत्ता संग्रहण करने वालों को पांच सौ रुपए की दर से भुगतान करेंगे । इधर वन विभाग के समानांतर हो रही इस खरीदी की वन विभाग को कोई खबर ही नहीं है । जंगल में इन दिनों जोरों से तेंदूपत्ता तोड़ाई काम
चल रहा है गांव-गांव में लोगों इस 7काम में लगे हुए हैं और शाम होते ही गांव भर के लोग अपना पत्ता ले वन विभाग द्वारा संचालित समितियों में पहुंचा रहे हैं । पर ग्राम डोटोमेटा में वन विभाग की समिति में 70 हजार गड्डी तो रूढ़ी प्रथा समिति में 2 लाख गड्डी तेंदूपत्ता जमा हो चुके है । क्योंकि इस गांव में शासन के समानांतर ग्रामीण पेशा कानून के तहत ग्राम समिति बना पत्ते की खरीदी शासन द्वारा निर्धारित दर से सौ रुपए अधिक पर की जा रही है । यह परलकोट क्षेत्र का इकलौता मामला रूद नहीं है । इसके अलावा ग्राम संगम , वाग मेहेड़ा , बुरका , अंजाड़ी , घोटूनवेड़ा , पांच उलिया , पड़ेगा पाखुरकाल आदि गांवों वे ख में भी इसी प्रकार ग्राम की समिति ही इसके पत्ते खरीद रही है ।

हमारे अधिकार के तहत कर रहे खरीदी

रूढ़ी प्रथा पारम्पारिक ग्राम सभा अध्यक्ष डोटोमेटा रीता नेताम , सचिव सुकदेव वागो ने बताया जल जंगल जमीन में हमारा हक है । पेशा कानून की धारा में पांचवी अनूसूची क्षेत्र में परंपरागत वन निवासी को यह अधिकार है , जिसके तहत वे खरीदी कर रहे हैं । समिति द्वारा खरीदा जा रहा तेंदुपत्ता ठेकेदार बेचा जाएगा । इसके परिवहन का अधिकार सभा द्वारा ठेकेदार को दिया जाएगा । ग्रामसभा ने प्रति सैकड़ा पांच सौ दर निर्धारित की है जो की शासन की दर से अधिक है ।

वन विभाग को खबर ही नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि महाराष्ट्र में इस प्रकार समिति खरीदी करती है और लाभ भी कमाती है । पत्तों को भरने की व्यवस्था के लिए बोरा आदि महाराष्ट्र से ही लाने की तैयारी है । एक और ग्राम सभा द्वारा वन विभाग के समानांतर ग्रामीणों द्वारा खरीदी हो रही है पर अब तक वन विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है । इस संबंध में जब वनमंडलाधिकारी भानुप्रतापुर पश्चिम से जानकारी ली गई तो उन्होंनें ऐसी किसी खरीदी होने से इंकार करते हुए कहा वे इसकी जानकारी लेंगे और ऐसा कुछ होगा तो ग्रामीणों को समझाया जाएगा की वे पत्ता वन विभाग की समितियों में ही बेचें ।

शासन के अलावा कोई नहीं खरीद सकता

सीसीएफ राजू अगासीमनी ने कहा तेंदूपत्ते का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया है । इसे शासन के अलावा कोई नहीं खरीद सकता । अगर कोई ग्रामीण इस प्रकार समिति बना खरीदी कर रहे हैं तो वह गलत है । उनके पत्ते का परिवहन ही नहीं होगा और न ही कोई ठेकेदार खरीदी करेगा , जिसका सीधा नुकसान ग्रामीणों को होगा । तेंदुपत्ता संग्राहकों को मिलने वाली शासन की योजनाओं का भी लाभ उन ग्रामीणों को नहीं मिल पाएगा ।

More From Author

मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने इस्मा को मारा!

पक्षकारो को न्याय दिलाने घर तक न्यायालय खुद पहुँचा पीड़ित के द्वार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts