पखांजुर से बिप्लब कुण्डू-

पखांजूर
परतापुर से बड़े झाड़कट्टा लगभग 7 किमी लंबाई ,चौड़ाई लगभग 3.5 मीटर जो दल्लीराजहरा के ठेकेदार आशुतोष माथुर और इंजीनियर रवि द्वारा बनाया जा रहा । बता दे की नक्सली खौफ का हवाला देकर इन दिनों ठेकेदारों द्वारा मनमर्जी तरीके से घटिया सड़क निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है । अभी हाल ही में परतापुर से बड़े झाड़कट्टा की पीडब्ल्यूडी की नई सड़क बने 15 दिन ही बीते होंगे और अभी से ही सड़क उखड़नी शुरू हो चुकी है निर्माणाधीन सड़क बनने के पहले ही जर्जर अवस्था में तब्दील होती नजर आ रही है जो बेहद गंभीर मसला है। सड़क पर दरारे पड़ी रही है । सड़क निर्माण की निम्न गुणवता की पोल धीरे – धीरे जगजाहिर हो रही ।
सड़क किनारे बड़ा सा पत्थर लोगो के लिए परेशानी का कारण……..
इसी सड़क मार्ग के किनारे एक बड़ा सा पत्थर है जिसे निर्माण के दौरान हटाया नहीं गया इसके चलते एक तरफ वाहन चालको को परेशानियां झेलनी पड़ रही है तो दूसरी ओर उनके जहन में हादसों का भी अंदेशा बना हुआ है । विदित हो कि नई सड़क पर जगह जगह पर गड्डे बनना शुरू हो चुका है और देखते ही देखते सड़क जर्जर हालत में तब्दील होंगी जिससे आवागमन में मुश्किलें आयेगी ।
सीएम के आगमन की तैयारी में विभाग सड़क की मॉनिटरिंग नही हो रही …
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांकेर जिले के प्रवास में रहेंगे। इस दौरान उनका आगमन पखांजूर में होंगा जिसकी तैयारी में लोक निर्माण विभाग लगा हुआ है। पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह का कायाकल्प बदला जा रहा है फर्नीचर से लेकर सभी प्रकार की सामाग्री की व्यवस्था के साथ रेस्ट हाउस को आरामदायक सर्व सुविधा युक्त बनाने पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कर्मचारी देखरेख में जुटे हुए अगर इसी तरह सड़क निर्माण कार्य में भी अगर अधिकारी कर्मचारी ध्यान देते तो सड़क की दशा अच्छी होती।

सड़क निर्माण कार्य में बरती लापरवाही अब सड़क पर बन रहे गड्डे …
सड़क निर्माण में ठेकदार और अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया है । (परतापुर से बड़े झाड़कट्टा )सड़क का कई आदिवासी गांवों के ग्रामीणों को पक्की सड़क का इंतजार था । सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर देख ग्रामीणों की चेहरे में खुशी झलक रही थी वही खुशी पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदार की कारस्तानी ( चालबाजी) ने ग्रहण लगा दिया सड़क की दुर्दशा को देख आदिवासी ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही । सड़क की हालात देख भ्रष्टचार की सारी हदें यहां पार होती नजर आती है । पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन देखरेख में बन रहा (परतापुर से बड़े झाड़कट्टा ) की सड़क पर ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी अधिकारियो की मिलीभगत आदिवासी ग्रामीणों की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहा है। पक्की सड़क किसी भी गांव की समृद्धि खुशहाली का परिचायक है।
गांव के विकास रोजगार और खुशहाली के लिए सड़क आवश्यक होता है लेकिन सरकार की महत्ती योजना पर ठेकदार और अधिकारियों ने पलिता लगा दिया है जो शर्म की बात है । सड़क निर्माण में ग्रामीणों की मनोभाव की उपेक्षा हुई है । परतापुर बड़े झाड़कट्टा सड़क अगर गुणवत्ता से बनती तो आदिवासी ग्रामीणों के लिए एक वरदान साबित होती लेकिन इसमें में भी ठेकेदार और अधिकारियो की चालबाजी ने आदिवासियों के सपने को चकनाचूर कर दिया । सड़क की जगह से जगह से उखडनी शुरू हो चुकी है। सड़क की दशा को देखकर ग्रामीणों को इंजिनियर की डिग्री पर भी हमे संदेह होने लगा है और ठेकदार की अनुभव पर भी सवाल खड़ा कर रहे है।
इंचार्ज एसडीओ मिलिंद ने कहा कि मैं अभी अभी नया चार्ज लिया हु । परतापुर से बड़े झाड़कट्टा सड़क के निरीक्षण में पहले एक दिन गया था । गुणवत्ता से सड़क निर्माण कराने की बात बोलकर आया हु । सड़क पर गड्ढे होने की जानकारी आपसे मिली है मैं कल स्वयं सड़क निर्माण कार्य का जायजा लूंगा । सड़क किनारे पत्थर को हटाने के लिए ठेकदार को बोल दिया गया है । गुणवत्ता हीन काम करने से काम रोक दिया जाएगा ।