

ब्रजेश श्रीवास्तव

रतनपुर के सुप्रसिद्व हाथी किला के भीतर ऐतिहासिक श्री जगन्नाथ मंदिर स्थित है. जिसका निर्माण कल्चुरि राजा कल्याण साय ने 15 वीं शताब्दी में कराया था. मंदिर के गर्भगृह में श्री जगन्नाथ महाप्रभु देवी सुभद्रा एवं भैया बलराम जी की परंपरागत चंदन काष्ठ से बनी मनोहारी प्रतिमाएं विराजमान हैं. बताया जाता है कि राजा कल्याण साय उड़ीसा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन के लिए हर साल रथयात्रा पर वहां जाया करते थे. एकबार राजा बीमार हो गये और पुरी नहीं जा सके. तब महाप्रभु ने स्वप्न में उन्हें दर्शन देकर रतनपुर में ही जगन्नाथ मंदिर बनवाने के लिए कहा. तब राजा अत्यंत प्रसन्न भाव से हाथी किला में अपने महल के पास ही बहुत सुंदर मंदिर का निर्माण कराया और उसमें चंदन काष्ठ से बनी प्रतिमाओं को स्थापित किया. यहां महाप्रभु के दर्शन के लिये भक्तों का तांता लगा रहता है. हालांकि इस मंदिर से रथयात्रा निकालने की परंपरा नहीं है. भक्तगण भारी तादाद में मंदिर पहुंच कर दर्शन पूजन करते हैं. रथयात्रा पर यहां अंकुरित मूंग जिसे गजामूंग कहा जाता है का प्रसाद दिया जाता है.

