डेस्क
हद तो तब हो गई जब इन्हीं विरोधियों में से एक मसनगंज में रहने वाले सैयद सुहेब ने फेसबुक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ही बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल फेसबुक पोस्ट में किया। इतना ही नहीं सैयद सुहेब ने अपने पोस्ट में भारतीय जनता पार्टी ,आर एस एस, बजरंग दल के साथ शिवसेना को भी संकेत में गंदी गंदी गालियां लिख दी ।साथ ही उसने पोस्ट के साथ दर्जनों लोगों को टैग भी कर दिया। वह शायद शायद भूल गया कि वह यह बात किसी और के लिए नहीं भारत के प्रधानमंत्री के लिए लिख रहा है, जिसे इस देश के नागरिकों ने बहुमत से चुना है ।जिस कानून के विषय में जानकारी तक नहीं है, उस कानून के विरोध में लिखे गए इस तरह के बेहद आपत्तिजनक पोस्ट से आम लोगों की भावनाएं भड़क उठी और बड़ी संख्या में इसका विरोध जताते हुए लोग सिटी कोतवाली थाने पहुंचे और सैयद सुहेब के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए थाने का घेराव कर दिया। सैयद सुहेब जैसे अराजक तत्व का विरोध करते हुए लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। अव्वल तो सीएए कानून से डरने की कोई जरूरत नहीं है और ना ही अब तक भारत के किसी नागरिक से किसी तरह के कागजात मांगे गए हैं ,लेकिन इसी भ्रम के बहाने कुछ लोग अपना असली चेहरा दिखा रहे हैं । कुछ मुसलमान खुद को भाजपा और हिंदू विरोधी दिखाकर स्वयं को कट्टर दर्शाने कोशिश कर रहे है। सैयद सुहेब जैसे लोग ऐसे ही वर्ग का पोस्टर बॉय बनने की ख्वाहिश में बिना सोचे समझे इस तरह का पोस्ट कर रहे हैं , जिससे शहर की फ़िज़ा में मज़हबी कलुष घुल रहा है। बिलासपुर में सदियों से सभी वर्ग के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं लेकिन इस तरह के पोस्ट से हिंदू और मुसलमान के बीच की खाई गहरी हो रही है ।अपने ही देश के प्रधानमंत्री गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ इस तरह की बातें ना तो लोकतांत्रिक कही जा सकती है और ना ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ।इसलिए दायरे से बाहर जाते सैयद सुहेब के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की गई है ।हालांकि कुछ लोगों की धारणा है कि उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कानूनी कार्यवाही नहीं होगी। इसी भ्रम में वे लगातार सीमाओं का अतिक्रमण कर रहे हैं।
इसलिए देखना होगा कि सैयद सुहेब के खिलाफ कोतवाली पुलिस क्या कार्रवाई करती है। फिलहाल इस घटना से पूरे बिलासपुर में उबाल आया हुआ है।