



इस वर्ष बसंत पंचमी का पर्व भी दो दिन मनाया गया। दूसरे दिन सोमवार को घरों में और सार्वजनिक आयोजनों में मां सरस्वती की विधि विधान के साथ पूजा की गई।
विद्या, कला और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना का महोत्सव बसंत पंचमी का पर्व इस बार दो दिन मनाया गया। तिथि भ्रम की स्थिति में सूर्योदय तिथि को मानते हुए सोमवार को जगह-जगह देवी की प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना की गई। शिक्षण संस्थानों के अलावा घरों में और सार्वजनिक स्थलों पर भी सरस्वती पूजन का आयोजन हुआ।

हर साल की तरह छठ घाट में भी हुआ आयोजन
विगत 15 वर्षों से बिलासपुर तोरवा स्थित छठ घाट में भी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। असल में असम, बंगाल, उड़ीसा और बिहार में सरस्वती पूजन एक बड़ा सार्वजनिक उत्सव है। इस परंपरा को बिलासपुर में पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच और मिथिलांचल के प्रवासियों ने कायम रखा है, जिनके द्वारा इस वर्ष भी तोरवा छठ घाट स्थित भवन में भव्य आयोजन किया गया। आकर्षक सजावट के बीच देवी की मनमोहक प्रतिमा स्थापित की गई। सोमवार सुबह विधि- विधान के साथ देवी की पूजा अर्चना की गई। उन्हें विशेष भोग अर्पित किए गए। इस दिन विद्या आरंभ उत्सव भी मनाया गया। देवी को प्रसाद के रूप में विशेष रूप से बेर और मालपुआ अर्पित करते हुए उसे भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।

बसंत पंचमी सरस्वती पूजन के अवसर पर बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी जन सम्मिलित हुए, जिनमें बच्चे- बड़े, बूढ़े- जवान, नर- नारी सभी सम्मिलित रहे। पूजा अर्चना के बाद पारंपरिक भजन कीर्तन का दौर चला, तत्पश्चात यहां भंडारा लगाकर प्रसाद का वितरण किया गया

इस एकदिवसीय आयोजन में संध्या आरती में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। मंगलवार को हवन के साथ ही देवी की प्रतिमा विसर्जित की जाएगी। भक्तों ने यहां मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर उनसे विद्या, बुद्धि और ज्ञान का वरदान मांगा।
बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सम्मिलित होकर मांगा विद्या का वरदान

मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। कला साधकों के साथ सभी विद्यार्थियों की आराध्य मां सरस्वती ही है। परंपरा अनुसार इस दिन पठन-पाठन नहीं किया जाता। अपनी पाठ्य पुस्तके देवी के श्री चरणों में अर्पित कर उनसे विद्या बुद्धि का वरदान मांगा जाता है। यही कारण रहा कि इस बार भी अपने अभिभावकों के साथ बड़ी संख्या में समाज के बच्चे आयोजन में सम्मिलित हुए, जिनमे वर्षा दास, समृद्धि दास, सीमा झा, श्वेता सिंह, वैभव झा, प्रचेता कौशल, जय सिंह ,अरुण मिश्रा, दिव्या सिंह, रेयांश सिंह, पलक सिंह, अभिजीत सिंह, अभिषेक सिंह ,आदित्य सिंह, अनिकेत सिंह, रौनक सिंह आनंद झा, आदित्य ठाकुर आशीष चौधरी आदि सम्मिलित रहे ।

आयोजन में इनका रहा योगदान
इस अवसर पर पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार दास, सुधीर झा, दिलीप चौधरी, धनंजय झा, डॉक्टर कुमुद रंजन सिंह, विनोद सिंह, शशि मिश्रा, सतीश सिंह, धनंजय सिंह,राम गोस्वामी आदि उपस्थित रहे।

