
शनिवार माघ गुप्त नवरात्र प्रतिपदा पर सभी शक्ति मंदिरों के साथ रतनपुर स्थित सिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर में भी घट स्थापना की गई। वर्ष में कुल 4 नवरात्र मनाए जाते हैं । शारदीय और चैत्र नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र भी है ।आमतौर पर जिन्हें विशेष विशेष मंदिर में ही मनाते हुए अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है ।प्रकट नवरात्र जहां गृहस्थ और सांसारिक लोगों का पर्व है तो वहीं गुप्त नवरात्रि तांत्रिक साधना करने वाले के लिए विशेष अवसर है । शनिवार माघ प्रतिपदा से गुप्त नवरात्र का आरंभ हुआ इस विशेष अवसर के लिए मंदिर में खास सजावट की गई 25 जनवरी से 3 फरवरी तक चलने वाले गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिवस सुबह 6:00 बजे घट स्थापना कर विशेष पूजा अर्चना की गई। वही मंदिर के गर्भ गृह में मुख्य ज्योति कलश प्रज्वलित की गई इसके साथ ही मंदिर परिसर में दुर्गा सप्तशती पाठ आरंभ हुआ ।आगामी दिनों में लगातार विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे। पंचमी को यहां देवी सरस्वती की आराधना की जाएगी तो वही महाष्टमी को विशेष पूजन और हवन किया जाएगा महानवमी पर कन्या भोज और सामूहिक प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाएगा वही प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे प्रभात आरती और शाम 7:00 बजे संध्या आरती की जाएगी। गुप्त नवरात्र पर देवी दर्शन को विशेष फलदाई माना जाता है इसीलिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु महामाया मंदिर में पूजा अर्चना और देवी दर्शन के लिए पहुंचे।
चैत्र और शरद ऋतु में मनाए जाने वाले प्रकट नवरात्र के अलावा आषाढ़ और माघ मास में गुप्त नवरात्र मनाया जाता है गुप्त नवरात्र पर तंत्र विद्या में विश्वास रखने वाले देवी की आराधना करते हुए तंत्र सिद्धि करते हैं इसलिए इन दिनों रतनपुर और आसपास बड़ी संख्या में तांत्रिक साधना करने पहुंचे हैं आगामी 3 फरवरी तक चलने वाले गुप्त नवरात्रि पर्व पर यहां निरंतर विशेष अनुष्ठान होंगे वही दूर-दूर से भक्त देवी के दर्शन के लिए भी पहुंचेंगे गुप्त नवरात्र को लेकर महामाया मंदिर ट्रस्ट द्वारा विशेष व्यवस्था की जा रही है।
शनिवार से गुप्त नवरात्र का आरंभ हुआ रतनपुर महामाया मंदिर में घट स्थापना के साथ विशेष पूजा अनुष्ठान की शुरुआत की गई प्रथम दिवस बड़ी संख्या में देवी भक्त दर्शन आराधना के लिए पहुंचे
