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हेमू नगर तालाब किनारे बेजा कब्जे को हटाने नगर निगम का अमला गुरुवार को पहुंचा, जिसके बाद यहां भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हेमू नगर तालाब के उन्नयन के लिए यहां नगर निगम द्वारा बेजा कब्जा हटाया गया था लेकिन हेमू नगर तालाब से लेकर पावर हाउस चौक तक की सड़क में करीब दर्जन भर मकान और दुकान छूट गए थे। नगर निगम का दावा है कि इन लोगों को 6 महीने पहले ही कार्यवाही का नोटिस थमा दिया गया था लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया। जिसके बाद 1 दिन पहले उन्हें नोटिस देकर अमला गुरुवार सुबह कार्यवाही के लिए पहुंचा, जिसके बाद यहां लोगों ने तोड़फोड़ की कार्यवाही का विरोध करना शुरू कर दिया । इसी दौरान यहां वार्ड क्रमांक 44 और 45 के पार्षद रेणुका नागपुरे और अशोक विधानी भी पहुंच गए। बेजा कब्जा धारियों ने कहा कि उन्हें शॉर्ट नोटिस देकर कार्यवाही की जा रही है ।
वहीं लोगों की मांग थी कि तोड़फोड़ से पहले सभी को मकान या दुकान आवंटित किया जाए। निगम अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद सभी बेजा कब्जा धारियों को 2 दिन की मोहलत दी गई है। इस 2 दिन के दौरान वे स्वयं मकान या दुकान खाली कर कहीं और शिफ्ट कर जाएंगे , जिसके बाद नगर निगम यहां तोड़फोड़ की कार्यवाही करेगा। यहां एक तरफ कई मकान है तो कई मकानों के सामने कुछ दुकान भी संचालित है , जिनकी मांग है कि नगर निगम उन्हें फिलहाल कोई ऐसी जगह आवंटित करें जहां वे अपने व्यवसाय का संचालन कर अपनी रोजी रोटी कमा सके ।
आपको बता दें कि हेमू नगर तालाब उन्नयन के दौरान भी यहां बेजा कब्जा हटाने की कार्यवाही विवादों के बीच पूरी की गई थी ।तालाब के पास ही अटल आवास का भी निर्माण किया गया है, वहीं नए अटल वास भी बन रहे हैं ।मुमकिन है कि विस्थापितों को वही मकान आवंटित किया जाएगा । मामले का दूसरा पहलू यह भी है कि सभी बेजा कब्जा धारियों को बरसों से यह ज्ञात है कि उन्हें एक न एक दिन यहां से हटना ही है , इसके बावजूद कार्यवाही का विरोध समझ से परे है। शायद बेजा कब्जा धारी नगर निगम पर दबाव बनाकर अपनी मांगे पूरी कराना चाहते हैं। फिलहाल उन्हें 2 दिन की मोहलत मिली है इसके बाद कार्यवाही तय है।