
आकाश दत्त मिश्रा
धार्मिक अनुष्ठान और परंपरा के नाम पर अंधविश्वास फैलाने की कोशिश के बाद मुंगेली के दाऊ पारा में दो पक्षों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। दरअसल यहां एक परिवार द्वारा किसी धार्मिक अनुष्ठान के बाद आधी रात को दो नाबालिग युवतियों को डरावना सिंगार कर हथियारों के साथ शहर में रैली निकालने की कोशिश की गई । इस दौरान हाथों में हथियार लिए दोनों युवतियां धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए उटपटांग हरकत करती चल रही थी। जब शोर मचाते और हंगामा करते इन लोगों को मोहल्ले वासियों ने रोकने की कोशिश की तो रीति रिवाज में बाधा पहुंचाने की बात कहते हुए उनसे विवाद किया जाने लगा।
दावा किया गया कि दोनों युवतियों पर देवी सवार है इसलिए उन्हें नगर भ्रमण कराया जा रहा है और लोगों को भी आगाह किया गया कि अगर वे इस में अड़चन उत्पन्न करेंगे तो उनके साथ पूरे नगर का सर्वनाश हो जाएगा। आधी रात को इस तरह अंधविश्वास फैलाने और कानून को हाथ में लेने की खबर पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और सभी को थाने लाया गया। पता चला कि दिमागी बीमारी से ग्रसित युवतियों का इलाज कराने की जगह झाड़-फूंक और तंत्र मंत्र का सहारा लेकर इस तरह की हरकत की जा रही है। पुलिस ने युवतियों और उनके परिजनों को समझाइश देकर भविष्य में इस तरह के प्रयास को नहीं दोहराने की चेतावनी दी। असल में युवतियों का श्रृंगार काफी कुछ हिंदू देवी काली मां की तरह होने लेकिन दोनों के द्वारा रात में अस्वाभाविक हरकत किए जाने से एक वर्ग नाराज हो गया। उन्होंने हिंदू देवी देवताओं का इस तरह अपमान करने और उनके नाम पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाकर विरोध किया जिसके कारण दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। जांच में पता चला कि दोनों युवतियां नाबालिग है। इसके पीछे उनके परिजनों की ही मुख्य भूमिका है। एक तरफ दुनिया चांद तारों तक पहुंच रही है लेकिन अब भी ग्रामीण इलाकों में लोग अंधविश्वास के जंजीरों से बाहर नहीं निकल पा रहे ।असल में जहां ज्ञान का प्रकाश नहीं है वही अंधकार है और अंधकार पीड़ित इन्हीं लोगों द्वारा न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है बल्कि आधी रात को जिस तरह से हथियारों के साथ प्रदर्शन किया जा रहा है वह कानून का भी उल्लंघन है। फिलहाल पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई करने की बजाय उन्हें समझाइश देकर वापस लौटा दिया है।
