
आलोक
मुजरिम खुद को कितना भी चालाक क्यों न समझे लेकिन उससे ऐसी कोई ना कोई गलती हो जाती है जिसके चलते वह कानून के फंदे में फंस जाता है । ऐसा ही एक बार फिर हुआ , जब हत्या की कोशिश करने के मामले का फरार आरोपी पुलिस की सतर्कता से करीब 2 साल बाद पकड़ा गया। 2 सालों से फरार आरोपी अपने परिजनों से मिलने पहुंचा था जिसकी सूचना मुखबिर से पुलिस को मिल गई। उसके बाद आरोपी को उसके घर से पकड़ा गया। तार बाहर थाना क्षेत्र के 2 साल पुराने मामले में पुलिस को मंगला निवासी साबिर खान की तलाश थी।
इस बीच पुलिस को पता चला है कि फिलहाल पुणे महाराष्ट्र में छुप कर बैठा साबिद खान अपनी पत्नी माँ और बच्ची के साथ 2 दिन पहले अपने परिजनों से मिलने बिलासपुर आया हुआ है, जिसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने मंगला धुरी पारा से उसके मकान से साबिद खान को धर दबोचा। साल 2017 में उसके खिलाफ अकलतरा में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था और वह बिलासपुर सेंट्रल जेल में बंद था । सुनवाई के लिए जब उसे अकलतरा न्यायालय में ले जा रहा जाया जा रहा था तो बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिसकर्मियों को चकमा देकर वह फरार हो गया था। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। यह भी पता चला कि उसका भाई जावेद खान भी चोरी के मामले में एक बार सेंट्रल जेल बिलासपुर मैं बंद रहने के दौरान तखतपुर न्यायालय में पेशी के वक्त पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था। हालांकि बाद में उसके भाई की मौत हो गई थी । पूछताछ में फरार कैदी ने बताया कि फरारी के दौरान वह पत्नी और बच्चों को लेकर पुणे महाराष्ट्र गया था, जहां वह निर्माणाधीन मकानों और हाईवे रोड पर मजदूरी कर अपना गुजारा कर रहा था। नए आईजी के पदभार संभालते ही बिलासपुर पुलिसिक में कसावट नजर आ रही है। 2 दिन पहले भी सिविल लाइन पुलिस ने हत्या के फरार आरोपी को उसके ससुराल बिरकोना से पकड़ा था। उसी तरह के मिलते जुलते मामले में फरार आरोपी को पकड़ने में थाना प्रभारी परिवेश तिवारी के साथ उपनिरीक्षक मोहन भारद्वाज प्रधान आरक्षक अशोक कश्यप आरक्षक जय साहू संजीव जांगड़े विवेक राय दीपक उपाध्याय की भूमिका महत्वपूर्ण भूमिका रही।
