गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट छात्र छात्राओं ने छेड़े बगावत के सुर , कहा करेंगे समारोह का बहिष्कार

प्रवीर भट्टाचार्य

 सोमवार को गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति के शामिल होने और उनके हाथों पदक प्राप्त करने के सपने संजो रहे पीएचडी और गोल्ड मेडलिस्ट छात्र-छात्राओं के सपनों पर उस वक्त पानी फिर गया जब उन्हें पता चला कि राष्ट्रपति केवल 10 छात्र छात्रों को ही पदक और उपाधि प्रदान करेंगे। शेष को अलग से उपाधि दी जाएगी ।महीनों से राष्ट्रपति के हाथों उपाधि और पदक लेने के सपने के चकनाचूर होने पर भड़के छात्र छात्राओं ने कुलपति का घेराव कर दिया । इस वजह से शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में हंगामे की स्थिति रही।  पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं का कहना है कि सम्मान की जगह उन्हें स्वयं के अपमानित होने का एहसास हो रहा है ।उनका ही नहीं उनके अभिभावकों का भी सपना था कि वे मंच पर उपाधि ले लेकिन अब उनका यह सपना चकनाचूर हो रहा है। केवल इस समारोह में शामिल होने दूर-दूर से अभिभावक बिलासपुर पहुंचे हैं। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन उनके साथ छल कर रहा है।

इधर इस मामले में कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता का कहना है कि नियमानुसार राष्ट्रपति वैसे भी छात्र छात्राओं को पदक और उपाधि नहीं प्रदान करते। यह काम कुलाधिपति और वाइस चांसलर करेंगे । वहीं उन्होंने मध्य मार्ग निकालकर सभी छात्र छात्राओं के साथ फोटो सेशन का विकल्प सुझाया है।
 दिन भर इसी मुद्दे पर केंद्रीय विश्वविद्यालय में हंगामे की स्थिति रही । पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं इस बात को लेकर खासे नाराज नजर आए तो वही नए छात्र परिषद के पदाधिकारी भी खुद के छले जाने का दावा कर रहे हैं । गतिरोध दूर ना होने पर इन्होंने समारोह के बहिष्कार की चेतावनी भी दी है ।देखना होगा विश्वविद्यालय प्रबंधन किस तरह समारोह से पहले इस मुद्दे को सुलझाता है।

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