गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में अष्टम दीक्षांत समारोह का आयोजन आगामी सोमवार 2 मार्च को किया जाएगा। सुबह 10:00 बजे से आरंभ होने वाले समारोह की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। शनिवार को इसका रिहर्सल किया गया।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुल अध्यक्ष और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ शामिल होंगे ।समारोह के एक दिन पहले ही यानी 1 मार्च रविवार को राष्ट्रपति बिलासपुर पहुंचेंगे। यहां वे छत्तीसगढ़ भवन में रात्रि विश्राम करेंगे, जिसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है, तो वही राष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर बिलासपुर शहर के आउटर पर सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई है ।
जगह-जगह आर्म फोर्स लगाकर नाकेबंदी की जा रही है। वहीं संदिग्धों की धरपकड़ भी जारी है। समारोह के लिए विश्वविद्यालय परिसर में ही 310 फीट लंबा और 103 चौड़ा फीट चौड़ा विशाल डोम तैयार किया गया है , जिसमें 3000 मेहमानों की बैठने की व्यवस्था है। मंच पर केवल 7 लोग ही बैठेंगे । कार्य परिषद और विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के लिए अलग से दूसरा मंच बनाया गया है। मुख्य मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद, प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उईके , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कुलाधिपति प्रोफेसर अशोक मोडक, कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता, कुलसचिव प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार मौजूद रहेंगे।
पूरा समारोह 1 घंटे 5 मिनट का तय किया गया है। समारोह स्थल पहुंचते ही स्वागत के पश्चात मुख्य अतिथि कार्य परिषद और विद्या परिषद के सदस्यों के अलावा स्वर्ण पदक धारी छात्रों के साथ ग्रुप फोटो सेशन करेंगे। समारोह के दौरान राष्ट्रपति 10 पदक देने के अलावा सेंट्रल यूनिवर्सिटी की निर्माणाधीन 5 बिल्डिंग का उद्घाटन भी करेंगे। वही उनका संबोधन भी होगा ।समारोह स्थल में प्रवेश के लिए डोम में पांच गेट बनाए गए हैं ।पहले गेट से अतिथि प्रवेश करेंगे। 8 वें दीक्षांत समारोह के दौरान 74 छात्रों को विश्वविद्यालय स्वर्ण मंडित पदक प्रदान किया जाएगा। 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी जाएगी। पांच दानदाता पदक प्रदान किए जाएंगे। वही एक गुरु घासीदास पदक और एक कुलाधिपति पदक भी दिया जाएगा। सत्र 2018 19 के लिए विज्ञान विद्यापीठ की छात्रा क्विनी यादव का चयन गुरु घासीदास पदक हेतु किया गया है। क्विनी ने 94.09% अंक हासिल किए थे , जो विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों में संचालित सभी पाठ्यक्रमों में सबसे अधिक है। इसे सबसे अधिक सम्मानीय पदक माना जा रहा है।