रवि ठाकुर
अदालत और शिक्षा विभाग ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया है कि स्कूल में बच्चों को किसी तरह से शारीरिक प्रताड़ना ना दी जाए। लेकिन कुछ शिक्षक बाज नहीं आ रहे। गाहे-बगाहे स्कूल में शिक्षकों द्वारा बच्चों की बेरहमी से पिटाई की खबरें आती रहती है। ऐसा ही एक मामला भरारी प्राथमिक शाला से आया है , जहां स्कूल शिक्षिका कुर्रे मैडम ने बिना बात बच्चों की बेरहमी से पिटाई कर दी । अभिभावकों को इसकी सूचना मिलते ही शनिवार को बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंच गए ।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर बच्चों की पिटाई करने वाली शिक्षिका पर कार्रवाई की जगह गांव के एक जनप्रतिनिधि ने ग्रामीणों को ही धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल में इस तरह घेराव करने से शिक्षिका की शिकायत पर सभी जेल जाएंगे और उन्हें कोर्ट कचहरी थाने का चक्कर लगाना पड़ेगा। बच्चों की पिटाई करने वाली कुर्रे मैडम के पक्ष में भी कई शिक्षक और जनप्रतिनिधि खड़े नजर आए । अभिभावकों ने इस मामले में स्पष्ट विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि उनके बच्चों के साथ स्कूल में बेरहमी से मारपीट की जा रही है इस पर पिटाई करने वाली शिक्षिका ने दलील दी कि अनुशासन के नाम पर उन्हें पिटाई करने का हक है। अभिभावकों और शिक्षकों के बीच लंबी बहस के दौरान यह निर्णय लिया गया कि इसकी शिकायत अवकाश से लौटने के बाद स्कूल समन्वयक से की जाएगी। इससे पहले भी कई स्कूलों से इसी तरह के मामले सामने आए हैं लेकिन शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैए के चलते शिक्षकों के हौसले बुलंद है। कई बार शिक्षकों द्वारा बच्चों के साथ निर्दयता पूर्वक की गई मारपीट से बच्चों को गंभीर चोटें भी आई हैं ,जिसे लेकर विभाग ने गाइडलाइन जारी की है।
हैरानी इस बात की है कि कुछ शिक्षक इस गाइडलाइन का पालन करना ही नहीं चाहते। इस मामले में भी भविष्य में क्या होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है । आने वाले दिनों में समन्वयक और शिक्षा विभाग से अभिभावक शिकायत करेंगे। देखना होगा उसके बाद दबंग टीचर के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करता है।