
पखांजुर से बिप्लब कुण्डू–23.2.22

पखांजुर–
परलकोट का सफर बहुत कठिन और चुनौतियों से भरा था। यहां Feb 2011 ज्वाइनिंग के लिए आर के चौहान (ई ई)आये थे अपनी कार से ।जॉइनिंग कर वापस निकला तो उनके कार में हवा कम था। हवा की मशीन तो उनके ऑफिस के पास से कापसी तक दसों थे पर वोल्टेज कही नही था जिसके कारण उनको दुर्गुकोंदल में हवा डलवाना पड़ा।
लाइन एक बार बंद होती थी तो 3 से 4 दिन बाद आती थी और कंट्रोल रूम में कोई भटकने भी नही आता था।आज जहां भरोसा है लाइन आ जायेगी ये भरोसा चौहान द्वार लाया गया है।
पखांजूर और बांदे उस समय दो सब स्टेशन हुआ करते थे जहां बांदे सब स्टेशन में ही 100 volt मिलता था पखांजूर और बांदे सब स्टेशन में स्टेबलाइजर लगे घरों और दुकानों की तो बात ही कुछ और थी।
एक घटना बताना चाहूंगा PV 37 में मै अतिरिक्त ट्रांसफार्मर के लिए सर्वे कर रहा था घटना अप्रैल 2012 की होगी।एक 10 साल का मासूम बच्चा उनके पास आया बोला अंकल मैं ये तार छू देता हूं और मुझे करेंट का झटका बिल्कुल नहीं लगता चौहान उस दिन अंदर तक हिल गया था।उनके पास उसके इस बात का कोई जवाब नही था पर खुद को सम्हालते हुए उन्होंने उसे कहा बेटा ऐसे मत करना कभी वोल्टेज बड़ गया तो तुम्हारी जान जा सकती है
उसी दिन उन्होंने प्रण लिया था जो विद्युत विभाग इस हालत में है उसे सुधार के यहां से निकलूंगा।
उन्होंने यहां के लिए दिन रात एक किए पूरा दिन फील्ड घूमता था रात दो दो बजे तक ऑफिस बैठ काम किया करता था जहा 4 बजे ऑफिस में ताला लग जाता था वहां। उस समय आज की तरह विभागीय गाडियां भी नही थी।
उन्होंने नाईट पेट्रोलिंग शुरू किया जहां मेरे उनके पूर्व के अधिकारी नक्सली बहाना कर बैठे रहते थे पर उनके द्वारा अपने स्टॉफ के साथ हर नाईट पेट्रोलिंग में गया।और स्टॉफ के साथ भी कंधा से कंधा मिला लाइनों को दुरुस्त करवाता रहा।ई ई बनने के बाद भी चौहान ने नाईट पेट्रोलिंग पर भी गया।ताकि उनके स्टॉफ से थोड़ा और प्रयास करवा सके और उपभोक्ताओं को असुविधा न हो।
जहा कभी इस क्षेत्र में 2 सब स्टेशन और 3 पावर ट्रांसफार्मर थे आज उनके कठिन प्रयास के बाद इसी क्षेत्र में 6 सब स्टेशन में 13 पावर ट्रांसफार्मर तथा एक 132KV सब स्टेशन हैं,तथा लगभग सभी ग्राम वोल्टेज की समस्या से मुक्त हैं।आर के चौहान आया उस दौरान अंदरूनी क्षेत्र के 60 मजरे टोले विद्युत विहीन थी जिसमे 3 माजरा टोला में विद्युत पहुंचना शेष रह गया।आज कल में एक और अति संवेदन शील ग्राम हिदूर विद्युतीकृत हो जायेगा।अंदरूनी ग्रामों में कई तरह का विरोध भी हुआ पर उन्होंने अपना काम जारी रखा।
2 सब स्टेशन बेठिया और उदयपुर का निर्माण कार्य माह भर में शुरू किया जाना है इसकी परलकोट वासियों को दिल से बधाई भी दिए। बेठिया सब स्टेशन के निर्माण से बेठिया क्षेत्र की विद्युत समस्या दूर होगी तथा उदयपुर के निर्माण से कटौती बंद होगी ये उनका प्रयास है।
उन्होंने इस क्षेत्र की समस्या को हमेशा गहराई से महसूस किया गरीब अमीर सबकी समस्या को सुना और उसे दूर करने का अथक प्रयास किया।और दूर भी किया इस बात का गर्व भी है उन्हें।उन्होंने अपने काम में कही कोताही नहीं की ये खुद उनका कहना है।
उनके एक और घटना ये है कि नाव पलट गई थी और डूबते डूबते बचा था।बारकोट कोटरी नदी पार करके शिविर लगाने गए थे लौटते समय नाव पलट गया था 4 लोग थे उनके टीम में।
पर आज हम सभी के बीच से जाना है उन्होंने नव 19 से यहां से निकलने का प्रयास कर रहा था उनके ऑफिस ड्रावल में उनके ट्रांसफर का आवेदन पत्र भी पड़ा मिल जायेगा जो कुछ दोस्तों के कारण और परलकोट वालों के कारण वही पड़ा हुआ है।
पिछले 2 माह से उन्होंने VRS की भी सोच रहा था ताकि अब खुद के लिए कुछ कर लोगों को रोजगार दिया जा सके पर पत्नी और एक दोस्त सुशांत के कारण दे न सका।
खैर जिस तरह से आर के चौहान जा रहा है ऐसी तो जाने की कतई इच्छा नही थी उनको।बस इस बार भी उनको इस बात का संतोष है कि कंपनी की बकाया राशि वसूली के प्रयास में निलंबित होकर जा रहा है।जिन ग्रामों की विद्युत लाइन बंद की गई थी 96% लोग भुगतान नहीं किए थे।और कुछ उसी दिन तथा कुछ जो संवेदन शील क्षेत्र थे दूसरे दिन चालू कर दिए गए थे।और 19 तारीख को उन्होंने इनमे से कुछ गांव में भी गया था लोगो ने बहुत प्यार दिया और लाखों का विद्युत बिल भुगतान भी किये ।सभी ने यही कहा सही किए सर।उसके बावजूद उन्होंने उन लोगों से माफी मांगा जिन्हें उनके इस कदम से तकलीफ हुई।
एक बात और है कि इन क्षेत्रों में जब उन्होंने आया था फीडर 12 घंटे से भी अधिक बंद होते थे।और पिछले साल बिकराल समस्या थी और उनके एमडी ने उनको 3 अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर,मथुरा ,कापसी और गोंडाहुर में तथा बांदे की ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने का लक्ष्य 15 दिवस में हासिल करने का लक्ष्य दिया था।जिसे उनके द्वारा हासिल किया ओ भी चिकनपॉक से ग्रसित होने के बाद भी।
आर के चौहान परलकोट वासियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने ऐसी विपरीत परिस्थियो में भी विद्युत विभाग का पूरा सहयोग किया।
आज परोलकोट अंचल से एक ऐसे अधिकारी का जाना परोलकोट वासीयो को सोच में डाल दिया कि कही 10 से 12 वर्ष पूर्व में जहा अंधरे के सहारे चलना पड़ता था आज फिर से वही परिस्थिति का सामना न करना पड़े। उनके कामो का बखान हर परोलकोट वासी के जुवान पर है क्षेत्र के लोग नही चाह रहे है कि इस प्रकार के अधिकारी परोलकोट क्षेत्र छोड़ कर जाय।लोग बाग उनके सामने नही पीछे से सभी का कहना है कि उनके निलंबन आदेश को वापस कर के उनको फिर से इस क्षेत्र का बिजली संभालने के आदेश दिया जाय।
