पखांजुर से बिप्लब कुण्डू
विश्व की सबसे मधुर भाषा हमारी बांग्ला भाषा होने के बाद भी हमे अपनी भाषा मे शिक्षा नही मिलना बहुत ही दुर्भाग्य की बात है।
बांगला में शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिक्षक, पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक, बंगाल साहित्यकारों की साहित्य आदि बुनियादी समस्त प्रकार की व्यवस्था सरकार द्वारा किये जाए
पखांजुर–
छत्तीसगढ़ बंगाली एसोसिएशन के कांकेर जिला इकाई का सामाजिक बैठक पखांजूर में अरुण कुमार भद्र के उपस्थिति में हुई है। इस बैठक में समाज के विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चाएं हुई हैं। बैठक में मुख्यरूप से क्षेत्र के जनता के बहुप्रतीक्षित मांग बांग्ला भाषा की पढ़ाई प्राथमिक से हायर सेकेंडरी स्कूलों में पूर्ण रूप से लागू करना और स्कूलों में बंगाला शिक्षक की नियुक्ति करने की विषय पर विस्तार से चर्चाएं हुई है।
इस अवसर पर प्रेमानंद मंडल, आलोक विश्वास, शिवशीष पांडे, बुद्धदेव सरकार ने अपने उद्बोधन मे कहा कि भारतीय गणराज्य का संवैधानिक विशेषता एवं महानता दुनिया में विशेष स्थान हासिल की है। दुनिया में विविधता में एकता की बेमिसाल से हमारा भारत देश महान है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 350 अ में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में प्राप्त करने की व्यवस्था है। जिस तारतम्यता में सन 1986 से 2000 तक हम बंगालीओं को अखण्ड मध्यप्रदेश की राज्य में मातृभाषा बांगला में शिक्षा एवं मातृभाषा में शिक्षा की बुनियादी व्यवस्थाएं मौजूद रहे और शिक्षा मिलता रहा। लेकिन मध्यप्रदेश राज्य से खण्डित कर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पश्चात हम बांगला भाषा-भाषीओं की मातृभाषा में शिक्षा में बाधा उत्पन्न हो रहे है। जिसके चलते आज हम अपने भाषा, संस्कृति को भूलते जा रहे है। आज हम सभी को एकजुट होकर अपनी भाषा को जीवित रखने की जरूरत है। बिना मातृभाषा के कोई भी समाज, कोई भी व्यक्ति अपना विकास नही कर सकते है। छत्तीसगढ़ राज्य में प्राथमिक शाला में बांगला भाषा भाषीओं को मातृभाषा बांगला में शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिक्षक, पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक, बंगाल साहित्यकारों की साहित्य आदि बुनियादी समस्त प्रकार की व्यवस्था सरकार द्वारा किये जाए। आज विश्व की सबसे मधुर भाषा हमारी बांग्ला भाषा होने के बाद भी हमे अपनी भाषा मे शिक्षा नही मिलना बहुत ही दुर्भाग्य की बात है। हमे अपनी भाषा को जीवित रखने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
संगठन के जिला अध्यक्ष तपन कुमार राय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहले केंद्र सरकार के सेटअप में बंगला भाषा थी, जिसे सन 1985-86 में पूर्ण रूप से केंद्र सरकार द्वारा राज्यसरकार को हस्तांतरित किया गया था। जिसके बाद सन 1986 में तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हमारे इस परोलकोट क्षेत्र के प्रत्येक प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकंडरी स्कूल में बंगला शिक्षक की नियुक्ति की गई थी। इसके बाद एक बार फिर सन 1989 में तत्कालीन सरकार में भी बंगला शिक्षक की नियुक्त की गई थी। लेकिन जब सन 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनी तो वर्ष 2003 तक सेटअप में बंगला शामिल था और शिक्षक भी थे। लेकिन इसके बाद तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 बनाये गए नवीन सेटअप से बंगला को हटा दिया है, तब से सरकार हमारे दंडकारण्य में नवीन भर्ती नही कर पा रहे है। तब से लेकर आज तक हमारी समाज लगातार सरकार से बंगला भाषा को सेटअप में लाने और स्कूलों में बंगला भाषा की पढ़ाई शुरू करवाने की गुहार लगाते आ रहे है। इन्होंने ये भी कहा है कि हम लगातार विधायक के माध्यम से इस मांग को लेकर पत्रचार करते आ रहे है।
आपको बता दू की छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वर्ष 2014-15 में तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा परलकोट क्षेत्र में बंगला पढ़ाने के लिए बैकल्पिक शिक्षक के रूप में आठ माह के लिए शिक्षक नियुक्त किया गया था, लेकिन आठ माह सेवा लेने के बाद उन्हें निकाल दिया गया है।आज तक न ही उन्हें कोई वेतन दिया गया है। लगातार उनके द्वारा इस भी मांग किया जा रहा है। इस विषय को लेकर भी बैठक में प्रमुखता से चर्चा की गई।
संगठन के अध्यक्ष अरुण कुमार भद्रा ने कहा
इस अवसर पर
छत्तीसगढ़ बंगाली एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार भद्र ने कहा है कि परोलकोट क्षेत्र में मेरे निवासरत मेरे सभी बंगाली भाइयो का बहुप्रतीक्षित मांग प्राथमिक शाला में बांग्ला भाषा को एक अनिवार्य विषय के रूप में सेटअप में लाना और उस विषय की कक्षायें चलाने की पुरजोर मांग है। मैं खुद इस विषय पर क्षेत्रीय विधायक अनूप नाग से चर्चा करके, उन्हें और मेरे परलकोट क्षेत्र के सभी भाइयो को लेकर 26 मार्च को नारायणपुर प्रवास पर आ रहे हमारे मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से मिलकर सशक्त रूप से उनके सामने मांग रखेंगे और लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने ये भी कहा है कि अगर हमारी मांग जल्द से जल्द पूरी नही होती है तो मैं छत्तीसगढ़ बेंगली एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आप सभी को लेकर आपके कंधे से कंधे मिलाकर इस पखांजुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल भी करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन संगठन के जिला महासचिव गोपाल चंद्र दास ने किया है। इस अवसर पर क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य, समाज के बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।