

बिलासपुर, 29 दिसंबर 2025।
बिलासपुर रेंज साइबर थाना ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के एक आरोपी को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी द्वारा वर्चुअल मोबाइल नंबर, फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने का डर दिखाकर एक व्यक्ति से 57 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई थी।
रेंज साइबर थाना बिलासपुर को थाना सिविल लाइन से अपराध क्रमांक 883/25 धारा 318(4), 309 बीएनएस एवं आईटी एक्ट के तहत प्रकरण जांच हेतु प्राप्त हुआ था। विवेचना के दौरान साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से अद्यतन रिपोर्ट, बैंक खातों की जानकारी, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया। जांच में यह सामने आया कि ठगी में प्रयुक्त बैंक खाते और आरोपी दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से जुड़े हुए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक रेंज बिलासपुर डॉ. संजीव शुक्ला एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर निरीक्षक गोपाल सतपथी के नेतृत्व में एक विशेष टीम दिल्ली रवाना की गई। लगातार तीन दिनों की पतासाजी के बाद शिकारपुर, बुलंदशहर निवासी मनिंदर सिंह (54 वर्ष) को स्थानीय पुलिस के सहयोग से तलब कर पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग पार्सल जैसे मामलों में फंसाने का भय दिखाकर डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ऑनलाइन ठगी करना स्वीकार किया।
आरोपी ने बताया कि वह फर्जी सिम, वर्चुअल मोबाइल नंबर और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से ठगी की रकम प्राप्त करता था। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रसारित ‘लेगेसी लोन’ नामक ऐप के जरिए आम लोगों को लोन देने के नाम पर ठगी की राशि का आहरण किया जाता था। आरोपी कमीशन के लालच में अपनी कंपनी/फर्म ‘शिकारपुरिहा रियालिटी प्रा. लि.’ के नाम से जारी करंट अकाउंट में ठगी की रकम मंगवाकर निकालने का काम करता था।

इस पूरी कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक निमितेश सिंह के मार्गदर्शन तथा प्रभारी रेंज साइबर थाना निरीक्षक गोपाल सतपथी के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक अरविंद सिंह, जीवन साहू, प्रधान आरक्षक सैयद साजिद, आरक्षक चिरंजीव कुमार एवं अन्य स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट, मनी लॉन्ड्रिंग या किसी भी कानूनी कार्रवाई के नाम पर आने वाले कॉल से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी थाने में सूचना दें।
