

श्री काशी सत्संग मण्डल द्वारा धर्म नगरी वाराणसी में एक भव्य आध्यात्मिक आयोजन किया गया। यह आयोजन ‘श्री रामचरितमानस नवाह्न पारायण ज्ञान महायज्ञ’ का 67वाँ वार्षिक समारोह है, जो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर धाम, ज्ञानवापी परिसर में आयोजित किया गया। इस नौ-दिवसीय महायज्ञ का मूल उद्देश्य भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन और पवित्र रामचरितमानस के ज्ञान का प्रसार करना है, जिससे समाज में धर्म, सत्य और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा मिल सके। महायज्ञ का ध्येय वाक्य है: “धर्मो जयति नाधर्मः” (धर्म की विजय होती है, अधर्म की नहीं) और “सत्यं जयति नानृतम्” (सत्य की विजय होती है, झूठ की नहीं)।

इस महायज्ञ के साथ ही, सनातन धर्म और संस्कृति के संरक्षण तथा प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महान विभूति को सम्मानित करने हेतु ‘सनातन सम्राट अलंकरण – 2025’ समारोह का आयोजन किया गया है। यह अलंकरण उन व्यक्तित्वों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से धर्म और समाज की सेवा की है।
इस वर्ष, यह अत्यंत प्रतिष्ठित सनातन सम्राट अलंकरण सम्मान छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के प्रमुख आध्यात्मिक आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ‘पीताम्बरा पीठाधीश्वर’ को प्रदान किया गया है। आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज को “सनातन धर्म के क्षेत्र में सराहनीय योगदान” को देखते हुए इस उपाधि से विभूषित किया गया है। यह सम्मान सनातन धर्म के मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाने और समाज को सही दिशा देने में उनके अथक प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है।
