

बिलासपुर। तिफरा के इंद्रपुरी नगर, चित्रकांत जायसवाल वार्ड क्रमांक 8 में रहने वाले लगभग 40 परिवार इन दिनों बेहद डर और तनाव में हैं। रेलवे द्वारा नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी शुरू होने के बाद इन परिवारों को अचानक बेदखली का नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में साफ कहा गया है कि जिस जमीन पर वे रह रहे हैं, वह रेलवे की है और उन्हें स्थल खाली करना होगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले 35 से 40 वर्षों से इस ही स्थान पर अपने घर बनाकर रह रहे हैं। कई पीढ़ियां यहीं पली-बढ़ी हैं। बेदखली नोटिस मिलने के बाद पूरा मोहल्ला निगम कार्यालय पहुंचा और वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराने की मांग की।
“प्लॉट खरीदने की क्षमता नहीं, पीएम आवास भी नहीं मिला”
रहवासियों का कहना है कि वे ज्यादातर मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। गरीबी और अस्थिर आय के कारण वे किसी अन्य जगह प्लॉट नहीं खरीद सके। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाया।
इंद्रपुरी में रहने वाली रीना बाई ने बताया—
“हम यहां तब आए थे, जब यह इलाका वीरान था। यहीं हमारे बच्चे बड़े हो रहे हैं, स्कूल जा रहे हैं। अब बिना कोई ठिकाना दिए हमें हटाया जा रहा है। इतने सालों से बसे लोगों को यूं ही उजाड़ना ठीक नहीं है।”
मोहल्ले में डर का माहौल
रेलवे की कार्रवाई की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में भय और अनिश्चितता का माहौल है। लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतें छोड़कर नोटिस और संभावित कार्रवाई की चर्चा में लगे हैं।
स्थानीय निवासियों ने निगम और राज्य सरकार से यह स्पष्ट मांग की है कि —
- जब तक उन्हें रहने के लिए वैकल्पिक आवास नहीं दिया जाता, तब तक बेदखली की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।
- लंबे समय से रह रहे परिवारों को पुनर्वास का अधिकार मिलना चाहिए।
फिलहाल, रहवासी प्रशासन की ओर से ठोस निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
