छात्र ने लिखा सुसाइड नोट, थक गया हूं ,अब और नहीं होती पढ़ाई, फिर फांसी के फंदे पर लटक गया

कैलाश यादव

लोग कोटा को सुसाइड फैक्ट्री कहने लगे हैं, लेकिन बिलासपुर में भी पढ़ाई से तंग आकर एक छात्र ने खुदकुशी कर ली। सक्ति जिले के मालखरौदा के पास तिरता में रहने वाला धनेश्वर प्रसाद जायसवाल, 24 वर्ष, सरकंडा के राजीव विहार में किराए का मकान लेकर रहता था। वह साइंस कॉलेज में एमएससी का छात्र था। उसके साथ उसका छोटा भाई प्रदीप जायसवाल भी रहता है। प्रदीप बीएससी का छात्र है। इसी मकान के दूसरे कमरे में और भी कई स्टूडेंट रहते हैं। इन दिनों ज्यादातर स्टूडेंट रक्षाबंधन पर्व मनाने अपने-अपने घर गए थे। गुरुवार को धनेश्वर और उसका छोटा भाई प्रदीप जायसवाल रूम में थे। रात 8:00 बजे दोनों खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान रात में गर्मी ज्यादा होने के कारण प्रदीप अपने बड़े भाई धनेश्वर को बता कर बाजू के कमरे में सोने चला गया और कूलर चालू कर दरवाजा भीतर से बंद कर लिया।

सुसाइड नोट


शुक्रवार की सुबह करीब 9:00 बजे जब प्रदीप सोकर उठा तो धनेश्वर अपने कमरे मर ही था। प्रदीप को लगा कि वह अभी तक सो रहा हैम उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं है । जब उसने दरवाजे से झांक कर देखा तो पाया कि धनेश्वर फांसी के फंदे पर लटक रहा है। घबराकर प्रदीप ने आसपास के लोगों को बुलाया और पुलिस को सूचना दी। दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर घुसी और छात्र के परिजनों को भी मामले की सूचना दी गई ।
धनेश्वर के पिता आनंद कुमार जायसवाल रायगढ़ के छाल स्थिति एसईसीएल में कर्मचारी है। घटना की जानकारी मिलने पर वे भी भागते हुए पहुंचे। परिजनों का कहना है कि धनेश्वर पढ़ाई में होनहार था और उसे पढ़ाई को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं थी , लेकिन यछात्रा ने खुदकुशी करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी और को जिम्मेदार नहीं बताया। साथ ही उसने लिखा कि उससे अब पढ़ाई नहीं होती , पढ़ाई से वह थक चुका है। पढ़ाई के बोझ तले एक और जिंदगी समय से पहले मौत के आगोश में समा गई । पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।

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