

बिलासपुर
गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयू) के बीएससी फाइनल ईयर के छात्र अर्सलान अंसारी (21) की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि हत्या से हुई थी। डॉक्टरों की टीम द्वारा जारी की गई फाइनल रिपोर्ट में इस बात की आधिकारिक पुष्टि हो गई है। इसके साथ ही पुलिस अब हत्या का केस दर्ज कर मामले की नई सिरे से जांच करेगी।
पहले दिन से उठ रहे थे सवाल, अब रिपोर्ट ने किया सच उजागर
अर्सलान 21 अक्टूबर की शाम विवेकानंद हॉस्टल से फोन पर बात करते हुए निकला था और वापस नहीं लौटा। 23 अक्टूबर को उसका शव हॉस्टल के पीछे स्थित तालाब में मिला था।
पुलिस और विश्वविद्यालय प्रबंधन शुरुआत से ही इसे दुर्घटना बताने में जुटा रहा, जबकि अर्सलान के पिता और भाई लगातार हत्या की आशंका जता रहे थे।
मीडिया और स्वतंत्र एक्सपर्ट्स ने भी कई शुरूआती तथ्यों के आधार पर इसे हादसा नहीं, बल्कि हिंसक वारदात बताया था।
डॉक्टरों की फाइनल रिपोर्ट — सिर पर भारी वस्तु से वार, डूबने के कोई निशान नहीं

सिम्स के चार विशेषज्ञ डॉक्टरों ने किए गए पोस्टमार्टम और बाद के परीक्षणों में स्पष्ट पाया कि—
अर्सलान के सिर के पिछले हिस्से में भारी ठोस वस्तु से जोरदार चोट लगी थी।
सिर की इसी चोट से ब्रेन हेमरेज हुआ और मौत हुई।
डायटम टेस्ट में उसके फेफड़ों में तालाब का शैवाल नहीं मिला, जो डूबने पर अवश्य पाया जाता।
निष्कर्ष: अर्सलान की मौत पहले हो चुकी थी और बाद में उसका शव तालाब में फेंका गया।
इन निष्कर्षों के आधार पर डॉक्टरों ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 28 नवंबर को सौंपी, जिसमें मौत को हत्यात्मक करार दिया गया।
चार चरणों में ऐसे खुला हत्या का पूरा सच
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट (1 नवंबर)
– सिर पर ठोस वस्तु से चोट, ब्रेन हेमरेज से मौत।
– यह भी साफ किया कि यह डूबकर मरने का मामला नहीं। - पुलिस ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए
– पुलिस ने क्वेरी भेजकर पूछा कि डॉक्टर इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे। - डायटम टेस्ट (19 नवंबर)
– फेफड़ों में तालाब का शैवाल नहीं मिला, यानी डूबने से पहले ही मौत हो चुकी थी। - फाइनल रिपोर्ट (28 नवंबर)
– पोस्टमार्टम और डायटम दोनों की पुष्टि।
– हत्या स्पष्ट, शव बाद में तालाब में फेंका गया।
पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में
13 नवंबर को पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ सीन री-क्रिएट किया था और दावा किया था कि अर्सलान फिसलकर तालाब में गिरा और नीचे पड़े पेड़ के तने से उसका सिर टकराया।
लेकिन फाइनल मेडिकल रिपोर्ट ने पुलिस के इस पूरे तर्क को गलत साबित कर दिया।
अब हत्या का केस दर्ज किया जाएगा — एसएसपी
एसएसपी ने कहा—
“नेचर ऑफ डेथ में हत्या आने के बाद अब संबंधित धारा जोड़ी जाएगी।”
“अब तक जांच में कोई संदिग्ध सामने नहीं आया है।”
“कॉल डिटेल्स के आधार पर जिनसे बात हुई थी, उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं।”
एक्सपर्ट्स की राय
स्वतंत्र विधि विशेषज्ञों और फोरेंसिक विशेषज्ञों का स्पष्ट मत है कि—
“रिपोर्ट के आधार पर तत्काल हत्या का केस दर्ज कर गहन जांच की जानी चाहिए। विलंब से सबूत कमजोर हो सकते हैं।”
अर्सलान की मौत के डेढ़ महीने बाद आखिर सच सामने आ गया है। परिवार अब न्याय की उम्मीद कर रहा है, जबकि पुलिस पर जल्द और निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ गया है।
