मुंगेली में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के सातवें दिन माता सती के अथक साधन और तप की सुनाई कथा

मुंगेली – धर्म की हृदय स्थली के रूप में उभरते हुए मुंगेली में आयोजित 811 शिवमहापुराण मुख्य यजमान मिथिलेश केसरवानी, कनक केसरवानी के संकल्प से आज सभी शिव भक्तों को शिव भक्ति का महान दान मिल रहा है। आज उनकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो रही है। 7वे दिवस की कथा में गिरी बापू ने माता सती की अथक साधना और तप के बारे में बताया कि कैसे माता सती अपनी माता-पिता से अनुमति मांगती है और कहती है कि मुझे महादेव को पाने के लिए तपस्या करनी है। साधना करनी है और माता सती कठोर तपस्या करने चली जाती है और आगे बापूजी ने बताया की जो पुत्र या पुत्री अपनी माता का विश्वास जीत लेता है उसे जग में महानता मिलती है वह बहुत ऊंचाई तक जाता है युवा भाइयों के लिए कहा जो बेटा बेटियां मंदिर में  बैठते हैं यह बहुत बड़ा आत्मीय कार्य है नित्य शुद्ध केवल महादेव रह सकता है और कहां महादेव दिगंबर है अर्थात जो अंदर जैसा है वैसा बाहर है महादेव के जीवन में कभी कपट नहीं कोई छोटा कोई बड़ा नहीं और महादेव दम्भ रहित है उसके द्वारा में कोई पर्दा नहीं 24 घंटा खुला रहता है परिवार समाज सभी का द्वारा बंद हो सकता है लेकिन महादेव का द्वार हमेशा खुला रहेगा खुला रहता है, और आगे कहा जिस व्यक्ति को सफल होना है वह शिव मंदिर में ध्वज अर्पित कर व्यापार नौकरी कोई भी मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं और आगे कहा जो भी साधक महादेव महादेव कहता रहता है स्वयं महादेव उसके पीछे-पीछे चलते रहता है और आगे जो भक्त 12 साल तक हिमालय में तपस्या करें वही फल शिव कथा सुनने से ही प्राप्त हो जाते हैं जिस मनुष्य का संतान न हो उसे महादेव की भक्ति करनी चाहिए देवता है तो पुत्र देती है पर महादेव देव तुल्य पुत्र देते हैं महादेव की भक्ति को सभी स्थितियों में प्रसन्न रहनी चाहिए जिनको जीवन में शांति चाहिए उसे महादेव को भजना चाहिए, धर्म के ध्वज को लेकर सतत महादेव चलते हैं, और आगे बताया जो मनुष्य मादक द्रव्य का सेवन करते हैं वह कभी शिव भक्त नहीं हो सकता वहां शिव जी का सबसे बड़ा अपराधी होता है माता सती स्वयं स्वयंभू महादेव का भक्त है और वृक्ष का महत्व बताते हुए कहा कि वृक्ष हमारा जीवन है वृक्ष लगाने से आने वाले जाने वाले पीढ़ी का कल्याण हो जाता है और मनुष्य को विवेक की होने के लिए कहा विचार ,व्यवहार, वाणी का विवेक की विशेष प्रधानता बताइए और आगे गिरी बापू ने बताया कि मनुष्य को शांत रहने के लिए सुखी रहने के लिए पांच चीज जैसे मौन, शांत, मीठी वचन, शुद्ध शाकाहारी,और नशा रहित ऐसा मनुष्य सदा खुशी रहता है और आगे बताया महादेव गले में नाग इसलिए पहनते हैं कि उसके कल उसके जाती खतरे में पड़ गया था तब महादेव ने इस पृथ्वी में उनकी रक्षा के लिए नागों में इंद्र नागेंद्र को अपने गले में धारण किया इसलिए महादेव को नागेश्वर महादेव के रूप में जाना जाता है और अंतिम में बताया कि जो मनुष्य सोमवार को शिवाला जाता है शिव साधना करता है उसके जीवन में सुख शांति साक्षात लक्ष्मी उसके घर में विराजमान हो जाती है और उन्हें महानता मिलती है|


कथा के बाद आरती में परिवार के साथ पधारे उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक पुन्नूलाल मोहले, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक धरम लाल कौशिक, कलेक्टर कुंदन कुमार, एसपी भोजराम पटेल शिवमहापुराण की आरती में सम्मिलित होकर पुण्य प्राप्त किया.
कार्यकम आयोजक भाजपा जिलाध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी, संतोष केशरवानी, आंनद केशरवानी, नवीन केशरवानी नें बताया की शिवभक्तों की अपार भीड़ उमड़ रही है भक्तों को 11 जून तक कथा सुनने का सौभाग्य मिलेगा |

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