जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में ग्राम फारापखना ग्राम पंचायत कपोट में विश्वाधारम जन कल्याण सेवा समिति द्वारा जनजातीय गौरव दिवस गरिमा तथा हर्षोल्लास से मनाया गया।कार्यक्रम का उद्देश्य जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, संघर्षपूर्ण इतिहास और प्रकृति-सम्मत जीवनशैली का सम्मान करते हुए सेवा और समरसता की भावना को मजबूत करना रहा।सुबह से ही रिमोट एरिया में रह रहे ग्रामीणों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया,जिसमें चिकित्सको और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रक्तचाप,शुगर,नेत्र जाँच सामान्य स्वास्थ्य जांच, प्राथमिक उपचार तथा आवश्यक दवाइयों का वितरण किया गया।बड़ी संख्या में महिलाओं,बुजुर्गों और युवाओं ने स्वास्थ्य शिविर अत्यंत उपयोगी साबित हुआ।तत्पश्चात समरसता भोज का आयोजन हुआ,जिसमें सभी समुदायों के लोग साथ बैठकर भोजन प्रसाद ग्रहण किए।फलस्वरूप ग्राम में एकता, समानता और भाईचारे का भाव स्वयममेव प्रदुर्भाव हुआ।वस्त्र मेले का भी आयोजन किया गया,जिसमें बच्चों,महिलाओं और वृद्धजनों के लिए वस्त्र उपलब्ध कराए गए। इसके साथ ही ज़रूरतमंद परिवारों को कंबल वितरण किया गया,ताकि पहाड़ी और घने जंगलों में निवासरत ग्रामीणों को बढ़ती सर्दी से राहत मिल सके।

कार्यक्रम के आरंभ में संस्था के अध्यक्ष चंद्रकांत साहू ने अतिथियों एवं ग्रामवासियों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वाधारम जन कल्याण सेवा समिति समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुँचाने के संकल्प के साथ निरंतर कार्यरत है।उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की परंपराएँ,प्रकृति-प्रेम, सादगी और सामुदायिक जीवनशैली पूरे समाज को मानवता,धैर्य और एकजुटता का संदेश देती है।अपने उद्बोधन में उन्होंने संस्था द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य, शिक्षा,महिला सशक्तिकरण, निःशुल्क बर्तन बैंक,कंबल सहायता और जनजातीय क्षेत्रों में सेवा गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय भी दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश की प्रथम महिला श्रीमती कौशिल्या विष्णु देव साय जी उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल जनजातीय समाज के नहीं बल्कि पूरे भारत के महानायक हैं,जिन्होंने अपने संघर्ष और नेतृत्व से समाज को जागृति,स्वाभिमान और एकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति,उनके रीति-रिवाज और प्रकृति के प्रति सम्मान भारतीय जीवन मूल्यों का आधार हैं।श्रीमती कौशिल्या जी ने स्वास्थ्य शिविर,वस्त्र मेला,कंबल वितरण और समरसता भोज जैसे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल जनसेवा का माध्यम हैं बल्कि समाज को जोड़ने वाली कड़ी भी हैं। उन्होंने समिति के कार्यों की प्रशंसा करते हुए ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ें और अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजकर रखें।

कार्यक्रम में अन्य अतिथि के रूप में अति विशिष्ट अतिथि श्री तिमिरेंदु शेखर सिंह कंवर,विशिष्ट अतिथि श्रीमती रंजिता साहू तथा अध्यक्षता श्री रामकुमार आयम सरपंच की उपस्थिति रही,जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बनाया।कार्यक्रम में सह-संयोजक के रूप में श्री जितेंद्र साहू का योगदान उल्लेखनीय रहा,जिन्होंने प्रत्येक गतिविधि का समुचित समन्वय संभाला। मंच संचालन श्री सुनील जायसवाल द्वारा अत्यंत प्रभावशाली और आकर्षक ढंग से किया गया, जिसने पूरे कार्यक्रम में समा बांधे रखा। कार्यक्रम को सफलता के शिखर में पहुंचाने में खिलेश्वर, राजाराम, बलराम, करण, मुकेश, सतीश, आनंद का भरपूर सहयोग रहा, अंत में आभार प्रदर्शन दीपक सोनी जी द्वारा किया गया, जिन्होंने सभी अतिथियों, ग्रामीणों, सहयोगियों एवं स्वयंसेवकों के प्रति हृदय से धन्यवाद व्यक्त किया।

सेवा, समर्पण और समरसता से भरपूर यह आयोजन ग्राम कपोट में सामाजिक एकता, सांस्कृतिक चेतना और जनजातीय गौरव का एक प्रेरक उदाहरण बनकर पूरे क्षेत्र में सकारात्मक संदेश छोड़ गया।

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