

गेवरा–बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे की जांच निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) रश्मि राज का बहुप्रतीक्षित बयान आखिरकार दर्ज कर लिया गया है। हादसे के 10 दिन बाद रेलवे संरक्षा अधिकारियों ने अपोलो अस्पताल पहुँचकर उनका बयान लिया। यह बयान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह दुर्घटना से ठीक पहले कैब में मौजूद परिस्थितियों और पलों को पहली बार स्पष्ट रूप से सामने लाता है।
कैब में अचानक गिरा सनलाइट पर्दा, हटाते ही दिखी सामने खड़ी मालगाड़ी
सूत्रों के अनुसार रश्मि राज ने अपने बयान में बताया कि हादसे से ठीक पहले एडवांस सिग्नल ‘सिंगल येलो’ था। उसके बाद आने वाले मुख्य सिग्नल के बारे में लोको पायलट (मास्टर) ने बताया था कि “सिग्नल ओके है।” इसी दौरान लोको कैब के ठीक सामने लगा सनलाइट पर्दा अचानक नीचे गिर गया।
रश्मि राज के अनुसार—

“मैंने पर्दा हटाने के लिए हाथ बढ़ाया, और उसी क्षण सामने खड़ी मालगाड़ी दिखाई दी। इतनी कम दूरी बची थी कि तुरंत इमरजेंसी ब्रेक दबाने के बावजूद ट्रेन रुक नहीं सकी।”
उनसे सिग्नलिंग, ट्रेन की गति, दृश्यता, कैब की स्थिति और अंतिम क्षणों की कार्यवाही को लेकर कई प्रश्न पूछे गए, जिनके सभी उत्तर अधिकारियों ने दर्ज कर लिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार उनका बयान जांच की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सीआरएस ने चार दिन की गहन जांच के बाद दर्ज कराया बयान
आयुक्त रेलवे सुरक्षा (CRS) बी.के. मिश्रा चार दिनों तक बिलासपुर में रहकर घटना स्थल, सिग्नलिंग सिस्टम और सभी तकनीकी बिंदुओं की जांच कर चुके थे। लेकिन रश्मि राज की गंभीर स्थिति के कारण उनका बयान नहीं लिया जा सका था। बाद में सीआरएस कार्यालय ने उन्हें कोलकाता बुलाने की प्रक्रिया शुरू की, पर स्वास्थ्य कारणों से संभव न होने पर 14 नवंबर को अस्पताल में ही बयान दर्ज किया गया।

हादसे में 12 लोगों की मौत, 20 से अधिक घायल — एएलपी अब भी अस्पताल में
गौरतलब है कि 4 नवंबर की अपराह्न 4 बजे, गेवरा रोड से बिलासपुर आ रही मेमू लोकल लालखदान के पास अप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी की ब्रेकयान से जा टकराई थी।
48 किमी/घंटा की रफ्तार से हुई इस भीषण टक्कर में—
मेमू का इंजन मालगाड़ी के कोयला भरे वैगन पर चढ़ गया,

लोको पायलट विद्यासागर सहित 12 यात्रियों की मौत हो गई,
20 से अधिक यात्री घायल हुए,
एएलपी रश्मि राज गंभीर रूप से घायल होकर अब भी अस्पताल में उपचाररत हैं।
इलाज के दौरान ही निलंबन, जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई
रश्मि राज का इलाज अभी जारी है, इसी बीच विभाग ने उन्हें निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि—
“जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की departmental कार्रवाई तय की जाएगी।”
रेलवे संरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट आने का सभी को इंतजार है, क्योंकि रश्मि राज का बयान अब इस जांच का सबसे महत्वपूर्ण आधार बन गया है।
