

प्रवीर भट्टाचार्य/शशि मिश्रा/गोपाल साहू
मंगलवार दोपहर बाद गतौरा रेलवे स्टेशन के आगे लालखदान चौकसे कॉलेज के पास मालगाड़ी खड़ी थी, जो ग्रीन सिग्नल की प्रतीक्षा कर रही थी। इसी पटरी पर कोरबा लोकल पैसेंजर ट्रेन धड़धड़ाते चली आई। इस ट्रेन में सवार लोग बस कुछ ही मिनटो में बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले थे। यात्री स्टेशन में उतरकर अपने गंतव्य की ओर जाने का मंसूबा बना ही रहे थे कि अचानक एक जोरदार धमाका हुआ और उनकी पूरी दुनिया ही बदल गई।

इधर अपनी ओर बढ़ती ट्रेन को देखकर मालगाड़ी के गार्ड ने चलांग लगा कर अपनी जान बचाई । लेकिन मेमू ट्रेन के चालक और महिला सहचालक ट्रेन को रोक नहीं पाए और उनकी ट्रेन सीधे मालगाड़ी से जा टकराई। यह टक्कर इतना भीषण था कि इंजन के सामने के हिस्से के चिथड़े उड़ गए और वह मालगाड़ी के ऊपर जा चढ़ी। इस भीषण हादसे में 10 से अधिक लोगों के मारे जाने की बात अब तक सामने आई है जबकि 15 से 20 लोग घायल है।

यह हादसा गतौरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बीच लाल खदान के पास हुआ । दोपहर करीब 3:30 के आसपास ट्रेनों के टकराते ही तेज आवाज हुई तो सबसे पहले स्थानीय लोग पहुंचे। उनकी मदद से हताहत को ट्रेन से नीचे उतारा गया ।

चालक और सहचालक इंजन में ही फंसे थे जिन्हें गैस कटर की सहायता से इंजन की बॉडी को काटकर निकाला गया। सह चालक बिलासपुर की रश्मि राज को घायल अवस्था में इलाज के लिए अपोलो में भर्ती किया गया है तो वहीं पैसेंजर ट्रेन के चालक बिलासपुर निवासी विद्यासागर की हादसे में मौत हो गई है।

इस हादसे में ऋषि यादव नाम के एक दूधमुहे बालक को बाहर निकाला गया है । उसकी मां और बच्चे को रेलवे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मां मृत्य घोषित कर दी गई। वहीं घायल बच्चे को इलाज के लिए अपोलो में भर्ती किया गया है।

इधर मौके पर बचाव और राहत कार्य के लिए रेलवे के अधिकारी विशेष यान के साथ पहुंचे हैं । साथ ही रेस्क्यू टीम भी बोगी से शवों को निकालने के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचा रही है । वहीं रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। रेलवे के अलावा स्थानीय प्रशासन , पुलिस और नगर निगम की टीम भी मौके पर तत्काल पहुंच गई । भाजपा नेता चंद्र प्रकाश सूर्या हादसे वाले स्थान में शुरुआत में पहुंचने वालों में से एक थे, जिन्होंने बताया कि उन्होंने और लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकाला और फिर एंबुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल भेजा गया। स्थानीय लोगों ने सभी यात्रियों को बिलासपुर रेलवे स्टेशन की ओर भेजने में पूरी मदद की।

वर्तमान में रेल परिवहन बेहद सुरक्षित माना जाता है। रेलवे द्वारा कवच टेक्नोलॉजी डेवलप की गई है जिसमें एक ही पटरी पर दो ट्रेनों के आने पर पर्याप्त दूरी पर ही उनके पहिए थम जाते हैं लेकिन इस बार पता नहीं यह रक्षा प्रणाली कैसे निष्प्रभावी हो गई। इस रेल हादसे के पीछे मानवीय त्रुटियों को कारण बताया जा रहा है। लाल खदान के पास मालगाड़ी सिग्नल की प्रतीक्षा कर रही थी, इसी दौरान इस पटरी पर कोरबा मेमू पहुंच गई लेकिन अगर कवच सुरक्षा प्रणाली प्रभावी होती तो समय रहते पैसेंजर ट्रेन को रोक लिया जा सकता था।

इधर इस हादसे के बाद पूरे बिलासपुर में अफरातफरी का माहौल देखा गया। खासकर गुरु नानक चौक से लेकर लाल खदान तक जाम की स्थिति नजर आई । इस रास्ते पर एम्बुलेंस , दमकल से लेकर क्रेन आदि वाहन घटना स्थल तक पहुंचते रहे। रेस्क्यू टीम ने घायलों को रेलवे अस्पताल और अपोलो पहुंचाया। मौके पर कलेक्टर, आईजी, एसपी,कोटा एवं मस्तूरी विधायक और महापौर समेत तमाम लोग पहुंचे, तो वहीं रेलवे अस्पताल पहुंचकर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और विधायक धरमलाल कौशिक ने घायलों का हाल-चाल जाना।

जिन्होंने इस पूरे घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतको के लिए 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों के लिए 5 लाख रुपये और सामान्य घायलो के लिए 1 लाख रुपये सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी लगातार रेल मंत्री और मुख्यमंत्री से बातचीत चल रही है। फिलहाल फोकस घायलों के इलाज पर है । इसके बाद यह जांच की जाएगी कि इस हादसे के पीछे की असली वजह क्या है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में मानवीय चूक की आशंका जाहिर की जा रही है । उन्होंने इस पूरे घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव सहायता प्रदान करने की बात कही है।
