गोपाष्टमी पर शहर में हुआ गौ-सेवा का उत्सव, भव्य शोभायात्रा और गौकथा का आयोजन

बिलासपुर। कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर बुधवार को गोपाष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण और गौ-माता को समर्पित इस दिन शहर के विभिन्न मंदिरों और गौशालाओं में पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और गौसेवा के कार्यक्रम हुए।

गौसेवा धाम में गौकथा और शोभायात्रा
दयालबंद स्थित गौसेवा धाम में सुबह गौ-माता की विशेष पूजा-अर्चना की गई। कथा वाचक गोपाल कृष्ण रामानुज दास ने गौकथा सुनाते हुए कहा कि “जहां गौमाता का वास होता है, वहां कोई विषाणु प्रवेश नहीं कर सकता। गाय के आसपास का वातावरण सदा शुद्ध और पवित्र रहता है।” उन्होंने कहा कि आज मनुष्य के रोगों और कष्टों का मूल कारण गौवंश की उपेक्षा है।

पूजा के बाद गौसेवकों ने भव्य शोभायात्रा निकाली, जिसमें बैनर-पोस्टरों के माध्यम से गौ-रक्षा का संदेश दिया गया। शोभायात्रा तिलक नगर स्थित श्रीराम मंदिर पहुंची। ढोल-ताशे की धुन पर गौभक्तों ने नृत्य किया और गौमाता का जयघोष किया। कार्यक्रम का समापन भजन-कीर्तन, महाआरती और प्रसाद वितरण से हुआ।

श्रीकृष्ण गौशाला में हरे चारे का भोग
दयालबंद स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में सुबह से दोपहर तक गौमाता की पूजा-अर्चना, आरती और भजन-कीर्तन हुए। श्रद्धालुओं ने गौमाता को हरा चारा और फल अर्पित कर भोग लगाया।

व्यंकटेश मंदिर में हुआ भजन-कीर्तन
व्यंकटेश मंदिर में भी गोपाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। महंत डॉ. कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य ने उपस्थित छात्रों को गौमाता के महत्व के बारे में बताया। शाम को शास्त्रीय संगीत और भजन-कीर्तन हुआ तथा गौमाता को हरा चारा व फल खिलाए गए।

महर्षि भृगु ऋषि गौशाला में श्रद्धालुओं ने की आरती
महर्षि भृगु ऋषि गौशाला में भी भक्तों ने गौमाता की पूजा-अर्चना कर भक्ति भाव से आरती की। इस अवसर पर रघुनाथ प्रसाद वर्मा, अमित पांडे, ऋतिक प्रजापति, रामकुमार कैवर्त, संध्या गुप्ता, अशोक, मंगतराय अग्रवाल और दीपराज उपाध्याय सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।

पूरे दिन शहर में गोपाष्टमी के अवसर पर गौ-सेवा, भजन-कीर्तन और आरती का माहौल रहा। श्रद्धालुओं ने घरों में भी गौमाता की पूजा कर उन्हें चारा और भोग अर्पित किया।

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