

बिलासपुर |
गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयू) में निष्कासित छात्रों के समर्थन में गुरुवार की शाम को कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव और एनएसयूआई नेताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। स्थिति उस समय बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारी मेन गेट तोड़कर कुलपति निवास तक पहुंच गए और जमकर नारेबाजी की।
विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि यूनिवर्सिटी छात्रों की है, यहां किसी की मनमानी नहीं चलेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निष्कासित छात्र सुदीप शास्त्री का निष्कासन रद्द नहीं किया गया, तो 4 नवंबर को प्रदेश का सबसे बड़ा आंदोलन यहीं से शुरू किया जाएगा।
उन्होंने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा, “बाबा गुरु घासीदास के नाम पर बनी यह यूनिवर्सिटी किसी की जागीर नहीं है। अधिकारी छात्रों की औकात बताने की कोशिश न करें। यहां की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की जांच की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारी को कहीं भी छिपा हो, खींचकर लाया जाएगा।”
विधायक के साथ प्रदर्शन में विजय केसनवानी, प्रमोद नायक, सुद्धांशु मिश्रा, लक्की मिश्रा, रंजीत सिंह और अर्पित केसरवानी सहित अन्य एनएसयूआई पदाधिकारी मौजूद रहे।
पृष्ठभूमि
25 अगस्त को छात्रों ने जबरन फेल करने का आरोप लगाकर यूनिवर्सिटी में तीन घंटे तक प्रदर्शन किया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र सुदीप शास्त्री का टीसी और माइग्रेशन सर्टिफिकेट डाक से भेज दिया, जिससे छात्रों में आक्रोश फैल गया। इसी के विरोध में सुदीप शास्त्री और सार्थक मिश्रा तीन दिनों से यूनिवर्सिटी गेट पर भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा।
विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष
सीयू प्रशासन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे प्रदर्शनकारी गेट तोड़कर परिसर में घुस आए। उन्होंने कुलपति निवास में जबरन प्रवेश किया, जिससे परिसर में मौजूद छात्राओं, छात्रों और महिला शिक्षकों में भय का माहौल बन गया।
विश्वविद्यालय ने कहा, “यह कृत्य अनुशासनहीनता और हिंसक व्यवहार का उदाहरण है। घटना की जानकारी तत्काल कोनी थाना और जिला प्रशासन को दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी निंदा करता है।”
