

बिलासपुर। प्रेम, विश्वास और सौभाग्य का प्रतीक करवा चौथ का पर्व शुक्रवार को पूरे शहर में पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही विवाहित महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। दिनभर महिलाएं पूजा की तैयारी में जुटी रहीं, सोलह श्रृंगार कर सजी-धजी और शाम को चंद्रोदय का इंतजार किया।

रात करीब 8 बजकर 13 मिनट पर चांद के दर्शन के साथ ही महिलाओं ने छलनी से चांद और अपने जीवनसाथी का मुख देखा, उसके बाद व्रत का पारण किया। पूरे शहर में इस अवसर पर पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।

इसी कड़ी में जगमल चौक स्थित होटल इंटरसिटी में भी करवा चौथ का विशेष आयोजन किया गया। यहां सजी धजी महिलाओं ने एक साथ पूजा-अर्चना की और पारंपरिक गीतों के साथ एक-दूसरे को करवा चौथ की शुभकामनाएं दीं। आयोजन में सिमरन कौर, दार्शनित कौर अरोरा, साक्षी कौर सलूजा, अपूर्वा कौर दुआ, सुष्मित कौर गंभीर, शुभी कौर सलूजा, रजनीश कौर उबेजा, सेजल सलूजा, सहेज प्रीत गंभीर, रितु जुनेजा, हर्षित टुटेजा समेत कई महिलाएं शामिल रहीं।

इस अवसर पर महिलाओं ने बताया कि करवा चौथ न सिर्फ पति-पत्नी के अटूट बंधन का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और नारी शक्ति की आस्था का पर्व भी है। पारंपरिक रीति से करवा चौथ पर महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करती हैं, दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रोदय के बाद व्रत का पारण करती हैं।

कार्यक्रम में सजीव करवा चौथ गीत, पारंपरिक रस्में और सजावट ने माहौल को और भी भव्य बना दिया। होटल इंटरसिटी में हुए इस आयोजन ने नारी समर्पण और सांस्कृतिक एकता का सुंदर संदेश दिया।
