

बिलासपुर।
जन्मदिन हर किसी के जीवन का एक खास पड़ाव होता है, जिसे आमतौर पर केक, पार्टी और गिफ्ट्स के साथ हर्षोल्लास से मनाया जाता है। आजकल यह चलन पश्चिमी सभ्यता से प्रेरित होकर समाज में तेजी से प्रचलित हो गया है। लेकिन इसी समाज में कुछ ऐसे संवेदनशील और जागरूक लोग भी हैं जो जन्मदिन जैसे पावन अवसर को सिर्फ निजी उत्सव न मानकर सामाजिक दायित्व और मानवीय जुड़ाव का माध्यम बनाते हैं।
ऐसी ही एक सराहनीय पहल “सवेरा एक नई किरण” नामक सामाजिक संस्था द्वारा देखने को मिली। संस्था के अध्यक्ष शशि मिश्रा के दो वर्षीय पुत्र सत्येंद्र मिश्रा का जन्मदिन संस्था के सदस्यों ने राजकिशोर नगर, लोयला स्कूल रोड स्थित ‘सामाजिक जनकल्याण समिति माता रानी की कुटिया महिला वृद्धाश्रम’ में बुजुर्ग महिलाओं के बीच मनाया।

जन्मदिन के इस विशेष अवसर पर वृद्धाश्रम में रहने वाली माताओं के साथ केक काटा गया, और फिर सभी को फल, मिष्ठान, बिस्किट व अन्य खाद्य सामग्री वितरित की गई। वहां मौजूद बुजुर्ग माताओं के चेहरों पर उस पल जो मुस्कान खिली, वह निसंदेह अनमोल थी। एक नन्हे मासूम को अपने बीच देखकर सभी वृद्धाएं भावविभोर हो उठीं और भरपूर स्नेह व आशीर्वाद बरसाया।
बुजुर्ग महिलाओं ने भावुक स्वर में कहा कि संस्था के लोग जब-जब उनके पास आते हैं, तो उन्हें लगता है कि अब भी इस दुनिया में उन्हें चाहने और सुनने वाले लोग हैं। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसी संस्थाएं नियमित रूप से उनके बीच आती रहें ताकि जीवन में अकेलेपन और अवसाद की घड़ी में एक नई उम्मीद की किरण जगे।

संस्था ‘सवेरा एक नई किरण’ ने अपने नाम को पूरी तरह सार्थक करते हुए यह साबित किया कि छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। संस्था के इस आयोजन ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि जन्मदिन केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि प्रेम, अपनापन और सेवा का अवसर भी हो सकता है।
इस अवसर पर संस्था के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे और सभी ने एकजुट होकर वृद्धाश्रम की माताओं के साथ समय बिताया। समाज के हर वर्ग से ऐसे प्रयासों को प्रेरणा के रूप में देखने और अपनाने की आवश्यकता है, जिससे संवेदनाओं से भरा और समावेशी समाज तैयार किया जा सके।
S Bharat News
बिलासपुर, छत्तीसगढ़