मंगलवार से चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव का आरंभ हो गया। इसकी शुरुआत नहाए खाए से हुई। इस व्रत में स्वच्छता का विशेष महत्व है। इस दिन व्रती महिलाएं पहले नहाती है, उसके बाद पूजा अर्चना कर सात्विक भोजन बनाती है। भोजन में चावल, चने की दाल , लौकी या कद्दू की सब्जी , आंवले की चटनी और पकौड़े बनाने की परंपरा है। यह भोजन शुद्ध, सात्विक और पवित्र माना जाता है। इस दिन नमक वाला भोजन केवल एक ही बार किया जाता है। नहाने के बाद ही भोजन पकाया जाता है इसलिए इसे नहाए खाए कहते हैं ।
बिलासपुर का छठ विश्व भर में प्रसिद्ध
बिलासपुर में भी छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है। बिलासपुर को मिनी इंडिया कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहां बड़ी संख्या में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के निवासी रहते हैं, जिनके द्वारा अपनी माटी की परंपराओं को यहां भी जीवित रखा गया है। बिलासपुर में कई स्थानों पर छठ पूजन का आयोजन किया जाता है। सबसे बड़ा आयोजन तोरवा छठ घाट पर होता है, जहां करीब 7 एकड़ क्षेत्रफल में 1 किलोमीटर लंबा घाट है। इसे विश्व का सबसे बड़ा स्थाई छठ घाट भी कहा जाता है। यहां आयोजन की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।
आज महा आरती
विगत 17 वर्षों की तरह इस वर्ष भी नहाये खाये के दिन बिलासपुर छठ घाट में अरपा मैया की आरती की जाएगी। गंगा आरती की तर्ज पर अरपा नदी की आरती कर उनकी महिमा प्रतिपादित की जाती है। साथ ही इस अवसर पर अरपा नदी को वर्ष भर स्वच्छ रखने का संकल्प भी लिया जाएगा । इस अवसर पर 5100 दीप प्रज्वलित कर नदी में प्रवाहित करते हुए दीपदान किया जाएगा। लोग वर्ष भर अरपा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने, नदी में प्लास्टिक और अन्य कचरा ना डालने का संकल्प लेंगे।
ये होंगे अतिथि
मंगलवार शाम को बिलासपुर छठ घाट में मंचीय कार्यक्रम का आयोजन होगा जहां, अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक अमर अग्रवाल, सुशांत शुक्ला, धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया आदि सम्मिलित होंगे।
देखते ही बन रहा है घाट का नजारा
घाट की सफाई पूरी तरह कर ली गई है। शाम होते ही पूरा घाट दूधिया रोशनी में नहा जाता है, तो वही अरपा पूल में खास बिजली की सजावट की गई है, जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग शाम को घाट पहुंच रहे हैं। आयोजन समिति के डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार दास ने बिलासपुर वासियों से निवेदन किया है कि वे अरपा मैया की महा आरती में अवश्य सम्मिलित हो, साथ ही उन्होंने कहा कि छठ महापर्व केवल बिहार और उत्तर भारतीयों का ही नहीं बल्कि समस्त सनातनियों का पर्व है, इसलिए उन्होंने सभी सनातनियों से प्रति दिन सम्मिलित होने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि अगर आप व्रत रखकर पूरे विधि विधान का पालन नहीं भी कर पाते हैं तब भी अस्ताचलगामी सूर्य देव और उदित होते सूर्य देव को पवित्र भावनाओं के साथ अर्घ्य प्रदान करें। इससे भी पुण्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी घाट पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सभी को निशुल्क चाय कॉफी की सेवा प्रदान की जाएगी। 8 नवंबर की सुबह घाट पर व्रतियों के लिए दूध और प्रसाद उपलब्ध कराया जाएगा।