

बिलासपुर। मध्यप्रदेश में खांसी की सिरप पीने से 23 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिले में औषधि प्रशासन की टीम ने गुरुवार को सघन जांच अभियान चलाकर दर्जनों मेडिकल स्टोर्स और थोक दवा विक्रेताओं पर छापेमारी की। टीम ने खांसी की सिरप सहित कई औषधियों के सैंपल जांच के लिए राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, रायपुर भेजे हैं।
औषधि प्रशासन ने दवा विक्रेता संघ को पत्र भेजकर दो अमानक दवाओं की जानकारी साझा की है। इनमें बैच नंबर R01G L2523 और LSL.25 160 को अमानक घोषित किया गया है। विभाग ने सभी मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेताओं को इन बैचों की दवाओं के भंडारण और बिक्री की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी गई है कि इन दवाओं की बिक्री पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गुरुवार को औषधि निरीक्षकों की विभिन्न टीमों ने गौरेला, मरवाही और बिलासपुर शहर में अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी। जांच के दौरान गौरेला में रुचि मेडिकल स्टोर, लालपुर में आराध्या मेडिकल स्टोर, मरवाही में लक्ष्मी मेडिकल स्टोर, वहीं दूसरी टीम ने हरिरामानी एंड संस, हरिरामानी डिस्ट्रीब्यूटर्स और रजा मेडिकल स्टोर में निरीक्षण किया। शहर में अयान फार्मेसी (राजकिशोर नगर), प्रथम मेडिकल स्टोर (मोपका), केयर प्लस फार्मेसी (मोपका), खंडेलवाल मेडिकल स्टोर (सदर बाजार), तिरुपति मेडिकल स्टोर और श्रीराम मेडिकल स्टोर (तारबाहर) में भी सघन जांच की गई और सैंपल लिए गए।
बिना डॉक्टर के पर्ची पर दवा बिक्री पर सख्ती
सहायक औषधि नियंत्रक भीष्म सिंह ने कहा कि बिना डॉक्टर के पर्ची के दवा देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने अमानक औषधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। किसी भी हालत में संदिग्ध या अमानक दवाओं की बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग का यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा ताकि बाजार में मौजूद खांसी की सिरप और अन्य दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
