उल्टा चोर कोतवाल को डांटे! नगर पालिका रतनपुर का नोटिस भ्रष्टाचार उजागर करने वाले ठेकेदार को

आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर,
नगर पालिका रतनपुर ने अपने एक ठेकेदार विक्रांत तिवारी को विधिक नोटिस भेजकर आरोप लगाया है कि वह परिषद की कार्यप्रणाली में बाधा डाल रहे हैं और गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है।

विक्रांत तिवारी, जो शिक्षा से एम.टेक इंजीनियर हैं और नगर पालिका के पंजीकृत ठेकेदार रह चुके हैं, ने अपने कार्यकाल में पारदर्शिता और जनहित सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं। उनके अनुसार, उनके कई कार्यों के भुगतान लंबित हैं, और कई परियोजनाओं के लेआउट नगर पालिका द्वारा जानबूझकर नहीं प्रदान किए गए हैं।

विशेषकर कुर्मी समाज सामुदायिक भवन निर्माण कार्य अधूरा नहीं है, बल्कि इसे पूरा कराने के लिए विक्रांत तिवारी ने दो बार लीगल नोटिस और 25 से अधिक पत्र नगर पालिका कार्यालय और माननीय कलेक्टर बिलासपुर को भेजे हैं। बावजूद इसके, किसी भी कार्यवाही या भुगतान का निष्पादन नहीं किया गया।

साथ ही, विक्रांत तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, कलेक्टर बिलासपुर और नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर को भ्रष्टाचार की प्रमाणित शिकायत 22/09/2025 को भेजी थी। आश्चर्यजनक रूप से, इस शिकायत के दो दिन बाद 24/09/2025 को उन्हें नगर पालिका की ओर से नोटिस भेजा गया।
इससे यह स्पष्ट होता है कि नोटिस का उद्देश्य केवल भ्रष्टाचार उजागर करने वाले ठेकेदार पर दबाव बनाना है।

विक्रांत तिवारी के विधिक प्रतिनिधि अधिवक्ता निखिल शुक्ला, उच्च न्यायालय बिलासपुर ने बताया कि यह नोटिस पूर्णतः झूठे आरोपों पर आधारित है और उनका पक्ष कानून के तहत दृढ़ है।
शुक्ला जी के अनुसार, आरटीआई अधिनियम और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a ) के तहत अपने कार्य की जानकारी प्राप्त करना ठेकेदार का संवैधानिक अधिकार है।
उन्होंने कहा, “सत्य को उजागर करना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना किसी भी प्रकार से मानहानि नहीं है। उल्टे, नगर पालिका द्वारा भेजा गया नोटिस प्रतिशोधपूर्ण और दमनात्मक कदम है।”

विक्रांत तिवारी का कहना है कि उनके सभी कदम जनहित और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु हैं, और वे माननीय न्यायालय के समक्ष सभी दस्तावेज और प्रमाण पेश करने के लिए तैयार हैं।

संदर्भ:

  • नगर पालिका रतनपुर द्वारा भेजा गया लीगल नोटिस दिनांक 24/09/2025
  • भ्रष्टाचार शिकायत भेजी गई: 22/09/2025
  • नोटिस प्राप्त: 25/09/2025

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार उजागर करने वाले ठेकेदार पर उल्टा कार्रवाई करना किस प्रकार प्रशासनिक प्रतिशोध की श्रेणी मे आता है

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