

बिलासपुर। सुहागिनों का प्रमुख पर्व करवा चौथ आज बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। दिनभर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। रात में चंद्रोदय के बाद छलनी से चांद देखकर और फिर जीवनसाथी का चेहरा देखकर व्रत का पारण (समापन) करेंगी।

श्री पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश ने बताया कि इस वर्ष करवा चौथ का चंद्रोदय समय रात 8 बजकर 13 मिनट रहेगा। इसके साथ ही शुक्रवार का दिन कई शुभ संयोगों से भरा है — सिद्धि योग, शिववास योग और शुक्रादित्य योग का बनना इसे और भी खास बना रहा है। ज्योतिष के अनुसार यह दिन सौंदर्य प्रसाधन, वस्त्र और आभूषण की खरीदारी के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।

पूजन मुहूर्त शाम 5:57 से 7:11 तक
पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश महाराज के अनुसार करवा चौथ की तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे हुआ था और समापन 10 अक्टूबर को शाम 7:37 बजे होगा। इसलिए इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 से 7:11 बजे तक रहेगा। आचार्य महाराज ने कहा कि इस बार का करवा चौथ व्रत विशेष फलदायी रहेगा, क्योंकि इस दिन लाभ उन्नति मुहूर्त के साथ चार महत्वपूर्ण योगों का निर्माण हो रहा है।


करवा चौथ का महत्व और कथा
करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख के लिए रखा जाता है। यह पर्व न केवल वैवाहिक निष्ठा का प्रतीक है, बल्कि स्त्री की शक्ति, आस्था और प्रेम का भी उत्सव है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक साहूकार की बेटी वीरवती ने अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखा था। उसकी अवस्था देखकर भाइयों ने झूठा चांद दिखाकर उससे व्रत तुड़वा दिया। फलस्वरूप उसके पति को गंभीर बीमारी हो गई। पछताकर अगले वर्ष वीरवती ने पूरे नियमों से पुनः करवा चौथ का व्रत रखा। उसकी निष्ठा और श्रद्धा से प्रसन्न होकर करवा माता ने उसके पति को जीवनदान दिया। तभी से यह व्रत हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
बाजारों में दिखी रौनक, मेहंदी के लिए लगी भीड़
करवा चौथ की तैयारी को लेकर शहर के बाजारों में दिनभर चहल-पहल रही। महिलाएं करवा, पूजन सामग्री, साड़ी, चूड़ी, बिंदी और ज्वेलरी की खरीदारी करती नजर आईं।
इस बार मिट्टी के करवे ₹100 जोड़ी तक में बिके। दोपहर से ही मेहंदी आर्टिस्टों के पास भीड़ जुटने लगी। कई जगहों पर महिलाओं को घंटों इंतजार करना पड़ा।
कपड़ा और ज्वेलरी की दुकानों में सबसे अधिक भीड़ रही। महिलाएं लाल, गुलाबी और मरून रंग की साड़ियों व डिजाइनर ज्वेलरी की ओर आकर्षित दिखीं।
सामूहिक पूजा की तैयारियां
शहर के मंदिरों और कॉलोनियों में सामूहिक पूजा-अर्चना की तैयारियां जोरों पर हैं। जूना बिलासपुर, पंजाबी कॉलोनी, नेहरू नगर सहित कई क्षेत्रों में महिलाएं शाम को एकत्र होकर कथा सुनेंगी और करवा माता की आराधना करेंगी।
महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर, बिंदी, चूड़ी और करवा भेंट कर आशीर्वाद लेंगी। वहीं, अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना से व्रत रखकर पूजा में शामिल होंगी। चंद्रोदय तक भजन-कीर्तन का भी आयोजन रहेगा।
मौसम रहेगा सामान्य, बादलों से राहत के आसार
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पिछले साल करवा चौथ पर बादलों के कारण चांद देर से दिखा था, लेकिन इस बार मौसम सामान्य रहेगा। कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी संभव है, हालांकि बादल छाने की संभावना बहुत कम है। इससे महिलाओं को चांद देखने में परेशानी नहीं होगी।
क्यों मनाया जाता है करवा चौथ
करवा चौथ केवल व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के अटूट बंधन और विश्वास का पर्व है। यह स्त्रियों की निष्ठा, प्रेम और त्याग का प्रतीक है। इस दिन व्रत रखकर महिलाएं न केवल अपने पति के दीर्घ जीवन की कामना करती हैं, बल्कि सौभाग्य, समृद्धि और पारिवारिक सुख की भी प्रार्थना करती हैं।
— एस भारत न्यूज विशेष रिपोर्ट
