

मस्तूरी (बिलासपुर)।
मस्तूरी क्षेत्र की तीन गांवों — ठेका, मानिकपुर और धूमा — के ग्रामीणों ने सोमवार को 6 किलोमीटर सड़क निर्माण की मांग को लेकर एनएच-49 पर करीब ढाई घंटे तक चक्काजाम कर दिया। लगभग 500 लोगों की इस सामूहिक कार्रवाई से हाईवे के दोनों ओर 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क 18 साल पहले बनी थी, लेकिन तब से अब तक इसकी एक बार भी मरम्मत नहीं हुई। बारिश के मौसम में यह सड़क कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो जाती है, जिससे रोजाना हादसे होते हैं।
सूचना मिलने पर तहसीलदार प्रकाश साहू, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ और सब इंजीनियर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि सड़क निर्माण का टेंडर पूरा हो चुका है, लेकिन रजक कुरें नामक व्यक्ति की फर्जी मुआवजा शिकायत के कारण काम अटका हुआ था। जांच में शिकायत झूठी पाई गई है, और अब विभाग ने आश्वासन दिया कि 15 नवंबर से निर्माण कार्य शुरू होगा।
ग्रामीणों ने जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिला, तब तक सड़क नहीं छोड़ी। आखिरकार एसडीओ ने मौके पर चार हाइवा बजरी गिरवाकर और लिखित में तारीख तय कर आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
चक्काजाम के दौरान महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वाहन चालक और अप-डाउन करने वाले लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे।
इस सड़क के निर्माण में 7.38 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। बावजूद इसके, काम बार-बार टलता रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह जानबूझकर काम प्रभावित करने की कोशिश है।
यह पांचवीं बार है जब ग्रामीणों ने सड़क की मांग पर आंदोलन किया है। इससे पहले वे दो बार स्टेट हाईवे महमंद बाइपास और दो बार एनएच-49 पर चक्काजाम कर चुके हैं। उन्होंने कलेक्टोरेट घेराव और विभिन्न विभागों में दर्जनभर आवेदन भी दिए, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।
ग्रामीणों का कहना है कि अब यदि तय समय पर काम शुरू नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।
“18 साल से सड़क खस्ताहाल है। अब सिर्फ भरोसे नहीं, काम चाहिए। अगर नवंबर में काम शुरू नहीं हुआ तो फिर से सड़क पर उतरेंगे।”
— रामा देवी मौर्य, जनपद सदस्य
