रेलवे मैदान में 65 फीट ऊँचे रावण का दहन, पहली बार जले कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले

बिलासपुर। असत्य पर सत्य, हिंसा पर अहिंसा और अहंकार पर मर्यादा की विजय का प्रतीक दशहरा उत्सव इस वर्ष भी शहर में धूमधाम से मनाया गया। परंपरा के अनुरूप इसकी शुरुआत रेलवे नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट परिसर से हुई, जहां वर्ष 1950 से लगातार रामलीला और रावण दहन का आयोजन हो रहा है। इस बार आयोजन का 75वां वर्ष था, जो ऐतिहासिक अवसर बन गया।

बारिश के कारण आयोजन में कुछ देर रुकावट जरूर आई, लेकिन रावण दहन से पहले ही 25 हजार से अधिक लोगों की भीड़ रेलवे मैदान में उमड़ पड़ी। दर्शकों के समक्ष 65 फीट ऊँचे रावण के विशाल पुतले का दहन किया गया। विशेष आकर्षण यह रहा कि पहली बार 25-25 फीट ऊँचे कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले भी रावण के साथ जलाए गए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक अमर अग्रवाल ने सभी को दशहरे की बधाई देते हुए कहा कि – “बुराई की ताकत चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सत्य और धर्म के आगे उसकी एक नहीं चलती। यही संदेश दशहरा हमें हर वर्ष देता है।”

इस अवसर पर रेलवे जीएम तरुण प्रकाश, महापौर पूजा विधानी, हरीश केडिया सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

रावण दहन से पूर्व रामलीला मंच पर कलाकारों ने राम-रावण युद्ध का मनोहारी मंचन किया, जिसे देखकर उपस्थित लोग भावविभोर हो उठे। कार्यक्रम के समापन पर हर वर्ष की तरह इस बार भी शानदार आतिशबाजी ने आसमान को रोशन कर दिया।

रेलवे मैदान में हुए इस आयोजन को देखने छोटे-बड़े, महिला-पुरुष और वृद्धजन सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और परंपरा के इस भव्य दृश्य के साक्षी बने।

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