

स्वदेशी जागरण मंच और स्वालंबी भारत अभियान के ध्वज तले दो दिवसीय कार्यशाला और विचार वर्ग की शुरुवात की गई स्वालंबी भारत अभियान को शताब्दी वर्ष का रूप देने व लोगों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता लाने के निमित शहर में लेकर गांव कस्बों तक संगठनात्मक ढांचा स्थापित करने की कार्ययोजना को लक्ष्य बना विचार वर्ग और कार्यशाला की रचना की गई जिसमे बारह कालखंडों में विभक्त किए गए अलग अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन किया जाना सुनिश्चित है उद्घाटन और परिचय सत्र के पश्चात तृतीय सत्र को संबोधित करते हुए स्वालंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय सह संगठक श्री सतीश कुमार ने जैविक उद्यमिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देश के 37 करोड़ युवाओं को स्टार्ट अप के लिए प्रशिक्षित करने लिए विभिन्न विद्याओं को समहित किया गया है जिससे कि देश का युवा आत्मनिर्भता की दिशा में प्रेरित हो सके स्वालंबन और आत्मनिर्भरता भारत की मूल परंपराओं में निहित था वर्षों की गुलामी और अंग्रेजों की नीतियों की वजह से इस सोच में व्यापक परिवर्तन देखने को मिले जिसका प्रभाव यह हुआ कि आत्मनिर्भरता व स्वालंबन के भाव में पतन हुआ और धीरे धीरे लोग रोजगार की दृष्टि से सरकार और कुछ गिनीचुनी कम्पनियों पर निर्भर हो गए जबकि बड़े से बड़े विकसित देश भी शासकीय अशासकी नौकरियों के माध्यम से लगभग 10% रोजगार का सृजन कर पाते हैं
उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र को शक्तिशाली बनने के लिए स्वदेशी उत्पादों के प्रति आग्रह के भाव होना आवश्यक है आज के वैश्विक युग में युद्ध सैन्य मैदानों के साथ ही साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़े जा रहे हैं अतः आवश्यक है कि देश का युवा रोजगार और उद्यमिता के लिहाज से भलीभांति प्रशिक्षित हो जिससे विश्व पटल पर हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुकाबला कर सके
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन में डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि मई 1998 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वार किया गया परमाणु विस्फोट देश को स्वालंबी भारत बनाने का विस्फोट था स्वालंबन के भाव देश के जन मन में है आज अनुसूचित जाति जनजाति और थर्ड जेंडर को लेकर औद्योगिक नीति बनाई जा रही है जिससे स्वालंबन और आत्मनिर्भरता की श्रृंखला में कोई भी कड़ी छुटने ना पाए जब भारत का युवा सहकारिता के भाव से कार्य करने को तत्पर हो जाएगा उस दिन इस देश को विकसित राष्ट्र बनने से रोक नहीं जा सकता
स्वालंबी भारत अभियान के क्षेत्रीय संयोजक सुधीर दाते जी ने बताया कि आने वाले समय में स्वालंबी भारत शताब्दी वर्ष मनाने की योजना है जिसमें स्वदेशी उत्पादों के प्रति गांव-गांव में जागरूकता पैदा करना वह स्वरोजगार की दिशा में उद्यत करने युवाओं को प्रेरित करने की योजना बनाई गई है साथ ही स्वदेशी जागरण मंच और स्वालंबी भारत अभियान के संगठनों का विस्तार करने की योजना है
इस अवसर पर केशव डूबेलिया जी क्षेत्रीय शंकर त्रिपाठी जी प्रांत पूर्ण कालीक अमर परवानी और वासुदेव पटेल के मार्गदर्शन प्राप्त हुए
इस अवसर पर बिलासपुर महापौर पूजा विधानी छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा अभिकरण के अध्यक्ष भूपेंद्र सोनी डॉक्टर ललित मखीजा वासुदेव पटेल डॉ सुशील श्रीवास्तव प्रवीण झा श्रीमती अरुणा दीक्षित नीति श्रीवास्तव सुब्रत चाकी नारायणपुरी गोस्वामी दिग्विजय बकरा जय भगत दिनेश लसकर उचित सूद मंजरी बक्शी मुक्तिबोध अग्रवाल भृगु अवस्थी देवेंद्र कौशिक मंजरी बक्शी सहित प्रशिक्ष यू स्वयंसेवक उपस्थित रहे
