सावन महोत्सव विशेष, नमकं चमकं चैव पौरुषं सूक्तमेव च।नित्यं त्रयं प्रयुञ्जानो ब्रह्मलोके महीयते – पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज

सरकंडा स्थित श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में सावन महोत्सव धूमधाम के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। इस अवसर पर श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ चल रहा है, जिसमें विद्वानों द्वारा प्रतिदिन नमक चमक विधि द्वारा पाठ एवं अभिषेक किया जा रहा है।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि रूद्राभिषेक एक धार्मिक अनुष्ठान है, जो शक्तिशाली मंत्रो के उच्चारण द्वारा किया जाता है। और रुद्राभिषेक पूर्ण रुप से भगवान शिव को समर्पित है, क्योंकि सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता भगवान शिव है। रुद्राभिषेक भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ही किया जाता है। और रुद्राभिषेक मे भागवन शिव के रुद्र अवतार की पूजा और अभिषेक किया जाता है।
रुतम्-दु:खम्,द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: अर्थात रुद्र रूप मे विराजमान भगवान शिव हमारे समस्त प्रकार के दु;खो को शीघ्र ही समाप्त कर देते है। रुद्राभिषेक करने से समस्त प्रकार के कष्टो से मुक्ति मिल जाती है।

वायुपुराण के अनुसार जो रुद्राष्टाध्यायी के नमक(पञ्चम अध्याय) और चमक(अष्टम अध्याय)तथा पुरुष सूक्त का प्रतिदिन तीन बार पाठ करता है वह ब्रह्म लोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है( नमकं चमकं चैव पौरुषं सूक्तमेव च।नित्यं त्रयं प्रयुञ्जानो ब्रह्मलोके महीयते।।)
नमक चमक विधि द्वारा रुद्राभिषेक करने या कराने पर धन, संपत्ति तथा ऐश्वर्या में वृद्धि होती है।जातक को किसी भी प्रकार संकट से मुक्ती मिल जाती है।इसका पाठ करने से अकाल मृत्यु भय का निवारण होता है।आप सभी प्रकार के रोगो से मुक्त हो जाओगे।नमक चमक रुद्राभिषेक के पाठ से वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाता है।

इस अवसर पर ब्रह्मचारी मधुसूदन पाण्डेय, पं. चिरंजीवी पाण्डेय, पं. भुवनेश्वर शर्मा, डॉ.अंकिता पाण्डेय, अधिवक्ता अपराजिता पाण्डेय अमिता दीपेश पाण्डेय, चि. केसरी नंदन पाण्डेय, गौरी पाण्डेय, लक्ष्मी देवी पाण्डेय आदि उपस्थित होकर रुद्राभिषेक का लाभ प्राप्त किये।

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