

बिलासपुर,
तखतपुर थाना पुलिस ने शासकीय नौकरी दिलाने के नाम पर 43 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इस ठगी में चौंकाने वाली बात यह रही कि फरियादी भी आरोपी बन गया, क्योंकि उसने भी गलत तरीके से शासकीय पद प्राप्त करने के लिए पैसा दिया था। यह बिलासपुर जिले में अपनी तरह की पहली कार्रवाई है, जिसमें ठगी करने वाले के साथ-साथ ठगी में शामिल होने वाले पर भी अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है।
मामले का खुलासा:
थाना तखतपुर में दर्ज अपराध क्रमांक 330/2024, धारा 420, 34 भादवि के तहत यह मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता सूर्यकांत जायसवाल, निवासी बरेला (फिलहाल नेचर सिटी, थाना सकरी), ने अपनी दो संतानें (दो पुत्र और एक पुत्री) को खाद्य निरीक्षक, हास्टल अधीक्षक और पटवारी जैसे पदों पर नियुक्ति दिलाने के लिए फरवरी 2022 से जून 2023 तक कुल 43 लाख रुपए अनीश राजपूत, विष्णु राजपूत और जावेद खान को दिए थे।

जांच में यह तथ्य सामने आया कि फरियादी सूर्यकांत जायसवाल ने भी विहित प्रक्रिया का पालन न करते हुए शासकीय नौकरी पाने के लिए अवैध रूप से प्रयास किया और इस प्रयास में सरकार और योग्य उम्मीदवारों के साथ छल किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:
- विष्णु प्रसाद राजपूत पिता स्व. भुखऊ प्रसाद राजपूत, उम्र 67 वर्ष, निवासी ग्राम निगारबंद, थाना तखतपुर
- सीमा सोनी पति जावेद खान, उम्र 29 वर्ष, निवासी विनोबा नगर, थाना सिविल लाइन
- सूर्यकांत जायसवाल पिता गोरेलाल जायसवाल, उम्र 55 वर्ष, निवासी बरेला, थाना जरहागांव, हाल मुकाम नेचर सिटी, थाना सकरी
एक अन्य आरोपी – पहले से जेल में बंद:
जावेद खान उर्फ राजा, पिता रियाज खान, उम्र 31 वर्ष, निवासी साकेतिक निकेतन, तितली चौक, तोरवा, बिलासपुर, इस मामले में पहले ही थाना सिविल लाइन के अपराध क्रमांक 355/2025, धारा 420 भादवि में 3 अप्रैल 2025 से जेल में निरुद्ध है।
पुलिस की तत्परता और निष्पक्ष कार्रवाई:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (IPS) के निर्देश पर इस गंभीर प्रकरण की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कोटा श्रीमती भारती मरकाम के पर्यवेक्षण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा के मार्गदर्शन में की गई। तत्परता से कार्रवाई करते हुए तखतपुर पुलिस ने आरोपीगण को गिरफ़्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहाँ से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
न्यायिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अहम कदम:
यह मामला केवल ठगी का नहीं बल्कि शासकीय सेवाओं की प्रक्रिया को ठेस पहुंचाने का भी है। पुलिस की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि न केवल ठगी करने वाले, बल्कि अवैध रूप से सरकारी नौकरी पाने की मंशा रखने वाले व्यक्ति भी कानून की पकड़ से बाहर नहीं रहेंगे।
जांच जारी:
पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की कड़ी से कड़ी जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। संभावना है कि और भी लोग इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।
बिलासपुर पुलिस आम जनता से अपील करती है कि वे शासकीय नौकरी, ट्रांसफर, प्रमोशन आदि के नाम पर किसी भी प्रकार के पैसों की लेनदेन से बचें और ऐसी गतिविधियों की जानकारी नजदीकी थाने को तुरंत दें।
