

बिलासपुर/कटनी।
कटनी आउटर पर शुक्रवार सुबह रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब ट्रेन के एस-1 से एस-5 कोच के यात्रियों को लूटने के लिए एक गिरोह ने सुनियोजित तरीके से हमला कर दिया। इस वारदात में दुर्ग (छत्तीसगढ़) की रहने वाली ज्योत्सना सहित कई यात्रियों के मोबाइल फोन, पर्स व अन्य कीमती सामान लूट लिए गए। विरोध करने पर ज्योत्सना को आंख पर मुक्का मारा गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गईं।
पीड़िता ज्योत्सना ने बताया कि घटना के तुरंत बाद उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल किया, लेकिन कटनी में कोई मदद नहीं मिल सकी। थोड़ी देर बाद आश्वासन दिया गया कि अगली स्टेशन पर सुरक्षा कर्मी भेजे जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिलासपुर पहुंचने पर ज्योत्सना अन्य पीड़ित महिला के साथ जीआरपी थाने पहुंचीं, जहां उन्हें एक घंटे तक इंतजार कराया गया। इसके बाद जीआरपी प्रभारी ने मामला दर्ज करने के बजाय उन्हें कटनी जाकर शिकायत करने और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने की बात कहकर लौटा दिया।
घटना के बाद ज्योत्सना ने रेल मंत्रालय व प्रधानमंत्री कार्यालय से भी शिकायत की है। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपने साथ हुई लूट व मारपीट की पूरी आपबीती साझा की, जो वायरल हो गई है। उन्होंने रेल प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा है।
यात्रियों में डर का माहौल, उठ रहे सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने ट्रेन में सफर करने वाले आम यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ट्रेन के चलते रहने के दौरान आउटर क्षेत्र में इस प्रकार की घटना का अंजाम दिया जाना न केवल रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि जीआरपी व आरपीएफ की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर संदेह खड़ा करता है।
पीड़िता ने मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन में पर्याप्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएं और रेलवे पुलिस को ऐसे मामलों में गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए।
रेल प्रशासन और संबंधित विभागों से अब इस मामले पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यात्रियों का रेलवे प्रशासन से भरोसा उठना तय है।
