


मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक कानून बना दिए जाने के बावजूद मामूली बात पर तलाक- तलाक- तलाक कहकर पत्नी को घर से निकाल देने के मामले नहीं थम रहे । ताजा मामला दुर्ग से सामने आया है, जहां दहेज में बाइक न मिलने पर शौहर ने अपनी बेगम को तीन तलाक देकर घर से भगा दिया। इतना ही नहीं पति ने मारपीट की और सास ने कैंची से हमला किया, जिसके बाद पीड़िता ने बिलासपुर के महिला थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई ।
पीड़िता का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए उलाहना देते थे। परेशान होकर वह मायके लौट आई लेकिन बाद में दोनों परिवार के बीच सुलह हो गई और वह ससुराल चली गई लेकिन हालात नहीं बदले। पति लगातार मोटरसाइकिल की मांग करता रहा और न मिलने पर उसने तलाक तलाक तलाक कहकर रिश्ता ही खत्म कर लिया।
बिलासपुर के तारबाहर थाना क्षेत्र में रहने वाली 22 वर्षीय युवती का निकाह दिसंबर 2022 में भिलाई के सुपेला निवासी 25 वर्षीय नासिर अली के साथ हुआ था
मुसलमानो में दहेज प्रथा ना होने के बावजूद युवती के अब्बा ने अपनी हैसियत से बढ़कर उसे दहेज दिए लेकिन शादी के महज 10 दिन बाद ही ससुराल वालों के तानों और अत्याचार का सिलसिला शुरू हो गया। पति नासिर, उसकी मां फरीदा बेगम और अन्य परिवार के सदस्य उसे मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़न देने लगे। पति ने बाइक की मांग की। मायके वालों की आर्थिक स्थिति बाइक देने लायक नहीं थी जिसके कारण उसे खूब सताया गया। इस वजह से शादी के 10 महीने बाद ही वह पीहर लौट आई। दोनों परिवार की सुलह बैठक में नासिर ने पत्नी को अच्छे से रखने का भरोसा दिलाया। इसके बाद वह ससुराल लौट गई लेकिन फिर से मारपीट का सिलसिला शुरू हो गया ।
देश में नया कानून बन जाने के बाद भी कानून तोड़ते हुए नासिर ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया। इसके बाद उसने बिलासपुर आकर महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है । इधर 2019 में ही मुस्लिम महिला विधेयक कानून बन गया, जिसके बाद तीन तलाक को गैर कानूनी घोषित किया गया। इसके आरोपी को पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है, जिसकी सजा 3 साल तक हो सकती है। महिला पक्ष की रजामंदी के बगैर आरोपी को जमानत भी नहीं मिल सकती। इतना ही नहीं पीड़ित महिला इस कानून के तहत गुजारा भत्ता भी मांग सकती है।
जाहिर है नासिर ने अपनी पत्नी को तीन तलाक देकर आफत मोल ले ली है। अगर वह अपनी पत्नी के साथ वापस रहना चाहता है तो उसे हलाला करना होगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक अगर कोई मुस्लिम महिला का तलाक हो जाता है तो अपने पति से दोबारा निकाह करने के लिए पहले उसे किसी और शख्स के साथ निकाह कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने होंगे। इसके बाद वह उसे स्वेच्छा से तलाक देगा इसके बाद ही वह दोबारा अपने पति के साथ निकाह कर सकेगी। यह उन दोनों के लिए किसी यातना से कम नहीं होगा।