दूसरे की जमीन को अपनी बताकर 37.80 लाख में बेच दिया, सीमांकन में फर्जीवाड़ा उजागर — सिविल लाइन थाना क्षेत्र की घटना

बिलासपुर। जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के एक बड़े मामले का खुलासा सिविल लाइन थाना क्षेत्र में हुआ है। यहां एक व्यक्ति ने दूसरे की जमीन को अपनी बताकर 37 लाख 80 हजार रुपए में बेच दिया। खरीदार को रजिस्ट्री मिलने के बाद जब उसने सीमांकन कराया, तब असलियत सामने आई और पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

फर्जीवाड़े की शुरुआत: नकली दावे पर किया सौदा

भारतीय नगर निवासी बसंत बंजारे (66) की मुलाकात दिसंबर 2020 में जरहाभाठा निवासी नितिन लाल से हुई थी। नितिन ने उन्हें रिंग रोड नंबर 2, अयोध्या नगर क्षेत्र में एक प्लॉट दिखाया। यह प्लॉट 30 फीट चौड़ा और 60 फीट गहरा बताया गया। दोनों के बीच 37 लाख 80 हजार रुपए में सौदा तय हुआ और बसंत बंजारे ने पूरी राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी।

रजिस्ट्री खसरा नंबर 458/16 के तहत की गई, जिसमें जमीन की कीमत 20 लाख 50 हजार रुपए दर्शाई गई थी। रजिस्ट्री के बाद बसंत बंजारे अपने बेटे पुष्पराज बंजारे के साथ मकान निर्माण से पहले जमीन का सीमांकन कराने पहुंचे।

सीमांकन में खुला राज: जमीन किसी और की निकली

सीमांकन के दौरान पटवारी ने बताया कि जिस जमीन का सौदा हुआ था, वह असल में खसरा नंबर 466/1 में आती है और वह जमीन किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर दर्ज है। जब बसंत बंजारे ने नितिन लाल से इस बारे में पूछताछ की, तो उसने बताया कि यह जमीन कमल गुप्ता ने उसे बेची थी।

जांच में यह साफ हो गया कि कमल गुप्ता ने दूसरे की जमीन को अपनी बताकर नितिन लाल को बेचा, और नितिन ने आगे बसंत बंजारे को वही जमीन बेच दी। इस तरह यह एक दोहरे स्तर का फर्जीवाड़ा था, जिसमें न सिर्फ पीड़ित को आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि सरकारी राजस्व की भी चोरी की गई।

स्टांप ड्यूटी की चोरी से सरकार को नुकसान

इस मामले में केवल खरीदार ही नहीं, बल्कि सरकार को भी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। 37.80 लाख रुपए की असल सौदा राशि को छिपाकर, रजिस्ट्री केवल 20.50 लाख रुपए में कराई गई। इस प्रकार 17.30 लाख रुपए की वास्तविक राशि को छुपाया गया और करीब 1.73 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी की गई।

पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचने के इस मामले में पुलिस ने आरोपियों नितिन लाल और कमल गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी (IPC की धारा 420 आदि) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस जमीन से जुड़े दस्तावेजों को वैध रूप देने में और कौन-कौन लोग शामिल थे।

आगे क्या?

पीड़ित बसंत बंजारे की ओर से मामले की विस्तृत जानकारी के साथ शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस सीमांकन के दस्तावेजों, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और रजिस्ट्री दस्तावेजों की जांच कर रही है। साथ ही, कमल गुप्ता और नितिन लाल से पूछताछ की जा रही है ताकि पता चल सके कि इस जालसाजी के पीछे और कौन लोग शामिल हो सकते हैं।

यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि जमीन की खरीद-बिक्री में उचित दस्तावेजों की जांच और सीमांकन पहले ही करा लेना बेहद जरूरी है, अन्यथा लाखों का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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