श्री पीतांबरा पीठ में आयोजित चैत्र नवरात्र रजत जयंती उत्सव एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा का हुआ समापन

श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में चैत्र नवरात्र उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा था।इसी कड़ी में नवरात्रि के नवे दिन माँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का पूजन श्रृंगार महागौरी देवी के रूप में किया गया एवं प्रातः कालीन श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, श्री रामचंद्र जी का पूजन श्रृंगार सिद्धिविनायक जी का पूजन श्रृंगार किया गया। रामनवमी के पावन अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्रजी का विशेष पूजन, श्रृंगार,भोग,एवं महाआरती मध्यान्ह 12:00 बजे किया गया। तत्पश्चात कन्या पूजन भंडारा का आयोजन किया गया, एवं श्रीमद् देवी भागवत महापुराण का समापन हुआ।तत्पश्चात नवरात्रि विसर्जन, ज्वारा विसर्जन, दशमी को प्रातः किया जाएगा।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ दिनेश जी महाराज ने कहा कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” जहां नारी का सम्मान होता है वही देवता का निवास होता है।”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” अर्थात कर्म ही सर्वोपरि है।हमारे जीवन में उपासना का अत्यधिक महत्व है प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में यात्री पूर्वक भगवान की उपासना करनी चाहिए। देवी को माया माया कह निंदा करने और कोसने से नहीं माँ माँ कहने से लोक और परलोक में समृद्धि,सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है,अज्ञानियों के पास जो संसार है वह भी माँ का दिया हुआ है परंतु संसार उसको ही अनुकूल मानता है जो धर्मात्मा और माँ का भक्त होता है अपने निर्धन और प्रतिकूल संसार को सधने और अनुकूल करने के लिए कलयुग में चण्डी माँ और विनायक भगवान अधिकृत हैं। “कलौं चण्डी विनायकौ” देवी भागवत की कथा प्रमाण है कि जिन जिन राक्षसौ और राक्षसी स्वभाव वालों ने भगवान को देर किनारे करके माया को अपनाया है वह रावण की तरह ही संपत्ति,संतति और समान पाने के बाद भी कंगाल हुए और मृत्यु को प्राप्त हुए हैं,मोक्ष को नहीं। इस माया को माँ के कृपा देखते हुए उपास्य और दर्शनीय बनाये।

अष्टमी के पावन पर्व पर श्री विशेषर सिंह पटेल छत्तीसगढ़ शासन गौ सेवा आयोग अध्यक्ष विशेष रूप से श्रीमद् देवी भागवत एवं मंदिर दर्शनार्थ हेतु पहुंचे।

नवमी के पावन पर्व पर सरकंडा के मालगुजार छत्तीसगढ़ आंदोलन के सहयोगी कर्णधार एवं वरिष्ठ नागरिक पं. हरिशंकर दुबे जी प्रातः पीतांबरा पीठ पहुंचकर श्री देवाधिदेव महादेव का अभिषेक पूजन कर मंदिर दर्शन लाभ प्राप्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!