कांग्रेस में घमासान, जिला अध्यक्ष ग्रामीण ने अब विधायक अटल श्रीवास्तव के निष्कासन की मांग कर मचा दी हलचल, इससे पहले उनके करीबी अभय को भी कर चुके हैं पार्टी से बाहर

कांग्रेस का गुटीय घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। इससे पहले कई दिग्गजों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने वाले जिला अध्यक्ष ग्रामीण ने अब तो विधायक अटल श्रीवास्तव के ही निष्कासन की मांग कर हलचल पैदा कर दी है।

नगर निगम चुनाव इस बार कांग्रेस के लिए आफत साबित हो रहा है। पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर जिला अध्यक्ष एक के बाद एक दिग्गजों को बाहर कर रहे हैं। इसी कड़ी में अध्यक्ष द्वारा भीतर घात और खुला घात के आरोप में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के करीबी और बघेल गुट के नेता प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय को बाहर का रास्ता दिखाया था, जिसके बाद से ही टीएस सिंह देव और बघेल गुट के बीच आपसी खींचतान जारी है। सोमवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव बिलासपुर पहुंचे थे। वे यहां कांग्रेस नेता पंकज सिंह के आमंत्रण पर रात्रि भोज में सम्मिलित हुए थे, जहां कांग्रेस के अन्य नेता भी शामिल थे, जिसमें कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव और जिला अध्यक्ष ग्रामीण विजय केसरवानी भी थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए अटल श्रीवास्तव ने विजय केसरवानी को कहा कि तुमने मेरे सीने में छुरा घोंपा है। यह भी कहा जा रहा है कि अटल ने पिछले दिनों मीडिया में विजय केसरवानी की कार्यवाही पर व्यंग करते हुए कहा था कि चपरासी कलेक्टर को निकाल रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेताओं के सामने इस अपमान से विजय केसरवानी तिलमिला उठे और उन्होंने पार्टी विरोधियों का साथ देने और लगातार उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर विधायक अटल श्रीवास्तव के ही पार्टी से निष्कासन की मांग कर डाली। इसके लिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है। इससे पहले सीमा पांडे ,त्रिलोक श्रीवास और अभय नारायण राय जैसे बड़े विकेट लेने वाले विजय केसरवानी ने इस बार मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाला है । पूर्व सरकार में मुख्यमंत्री के बेहद करीबी और नंबर दो की हैसियत रखने वाले अटल श्रीवास्तव से उन्होंने पंगा ले लिया है। जिनका कहना है कि अटल श्रीवास्तव की भी प्राथमिक सदस्यता जिनके अधीन है वह उन्हें चपरासी कह रहे हैं और पार्टी के साथ भीतर घात करने वालों को कलेक्टर बता रहे हैं। सोमवार को उन पर किए गए टिप्पणी को अशोभनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने विधायक और पीसीसी प्रतिनिधि को प्रदेश स्तर पर निष्कासित करने की मांग की है, जिससे कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया है। देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस पर क्या फैसला लेती है। हालांकि इससे पहले भी विजय केसरवानी ने जिन्हें निष्कासित किया है उसकी स्थिति भी फिलहाल पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है।

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