शेयर बाजार में इन्वेस्ट पर भारी मुनाफे का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना पकड़ाया

यूनुस मेमन

पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्जीय गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है जो स्टॉक मार्केट में पैसे इन्वेस्ट पर भारी मुनाफे का विज्ञापन देकर आम लोगों को झांसे में लेकर ठगते थे। धर्मजयगढ़ में इन लोगों ने 42 लाख की ठगी की है। गिरोह के सदस्य फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी में करते थे।

यह ठग लोगों को ठगने के लिए इंडियामार्ट प्लेटफार्म का भी इस्तेमाल कर रहे थे, साथ ही प्रीमियम बल्क डेटा नामक वेबसाइट और ऑनलाइन से ऑनलाइन ठगी के लिए डाटा लेते थे। गिरोह के तीन आरोपी पहले ही पकड़े गए हैं, शेष तीन फरार ठगों में से एक, गिरोह के सरगना खेरालू महेसाणा गुजरात निवासी चिराग जी ठाकोर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

धरमजयगढ़ नीचेपारा निवासी आनंद अग्रवाल इन्हीं शातिर ठगों के चंगुल में फंस गए, जिन्हें स्टॉक मार्केट में स्टॉक लेने और खरीदने पर मार्केट मूल्य 3 करोड़ 48 लाख 40,000 रुपए फायदा होना बताया। झांसे में आकर वे किस्तों में पैसा डालते चले गए। 41 लाख 6, 524 रु जमा करने के बाद उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने धर्मजयगढ़ पुलिस को इसकी सूचना दी। ठग ठगी करने में जिन बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे थे उसके आधार पर पुलिस ने उनकी पतासाजी शुरू की तो उनका ठिकाना गुजरात मालूम हुआ। जिसके बाद पुलिस की एक टीम गुजरात पहुंची।

इस मामले में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में गिरोह का सरगना चिराग जी ठाकोर के साथ मितुल और गजेंद्र फरार थे, जिनकी पुलिस लगातार तलाश कर रही थी। एक बार फिर पुलिस की एक टीम गुजरात के मेहसाणा, अहमदाबाद आदि क्षेत्रों में आरोपी को तलाशती रही। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से उन्हें चिराग जी ठाकोर को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली, जिसने बताया कि वह प्रीमियम बल्क डेटाबेस कंपनी से शेयर ट्रेडिंग करने वालों का नंबर खरीदता था । उसे तीन श्रेणियां में नंबर उपलब्ध कराए जाते थे। पहली श्रेणी उन लोगों की थी, जिन्होंने ट्रेडिंग करना चालू किया है। ऐसे लोगों के नंबर ₹10 प्रति नंबर के हिसाब से बेचे जाते थे। दूसरे श्रेणी में वे लोग थे जो ट्रेडिंग कर रहे हैं। ऐसे लोगों का नंबर पांच रुपए प्रति नंबर के हिसाब से बेचे जाते थे और तीसरी श्रेणी में वह लोग है जो काफी लंबे समय से ट्रेनिंग कर रहे हैं। ऐसे लोगों का नंबर एक रुपए प्रति नंबर के हिसाब से इन लोगों ने खरीदा था। जिन लोगों के फंसने का अधिक चांस होता था उनके नंबर अधिक कीमत पर बेचे जाते थे, जिन्हें कॉल और मैसेज कर यह ठग अपने झांसे में लेते थे। इन लोगों ने बताया कि वे ठगी करने के लिए फर्जी बैंक खाते और फर्जी सिम नंबर का भी इस्तेमाल कर रहे थे। फर्जी सिम कार्ड खरीद कर ठगी की रकम को उन बैंक खातों में जमा करवाया जाता था। फिर फर्जी सिम और एटीएम के माध्यम से ठगी की रकम का आहरण किया जाता था। पुलिस ने सरगना को पकड़ लिया है और फिलहाल मितुल एवं गजेंद्र की तलाश की जा रही है। पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे का झांसा देने वाले ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने की सलाह दी है।

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