सोमनाथ मंदिर परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने पर अखिल भारतीय संत समिति एवं धर्म समाज ने जताया गुजरात के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के प्रति आभार

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एवं प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में से एक सोमनाथ मंदिर के आसपास के 60 करोड़ की सरकारी जमीन पर लंबे अरसे से विधर्मियो ने कब्जा कर रखा था , इसके खिलाफ प्रशासन ने बुलडोजर अभियान चलाया। कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए करीब 150 लोग इससे पहले हिरासत में लिये गए। गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर के पास सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए बड़ा अभियान चलाया गया। हिंदू आस्था के प्रमुख केंद्रों में से एक सोमनाथ मंदिर के आसपास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर लिए गए थे ।इस दौरान अतिक्रमण कर बनाए गए 9 धार्मिक स्थलों को भी तोड़ा गया है। 52 ट्रैक्टर, 58 बुलडोजर, दो हाइड्रा क्रेन 5 डंपर के साथ 1400 पुलिसकर्मियों सीआरपीएफ और जिला प्रशासन की टीम पहुंची। अभियान शनिवार सुबह 5:00 बजे शुरू हुआ और 6 घंटे जारी रहा। फिलहाल 15 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है। मुक्त कराया गया हिस्सा श्री सोमनाथ ट्रस्ट का है जो सोमनाथ मंदिर का प्रबंध करता है। बाकी जमीन राज्य सरकार की है। 1950 में सरकार ने यह जमीन सोमनाथ ट्रस्ट को 99 साल की लीज पर दी थी। बताया जा रहा है कि अतिक्रमण हटाने के बाद जगह का इस्तेमाल सोमनाथ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा। इस कार्रवाई से 3 महीने पहले सर्वे का काम किया गया ।मंदिर के पीछे सरकारी जमीन पर बने अभिगमन पिछले कुछ सालों में बने थे, जिसमें 9 अवैध धार्मिक स्थल भी थे। इस कार्रवाई से प्रसन्न होकर अखिल भारतीय संत समिति ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल और गृह मंत्री रमेश संघवी के प्रति आभार जताया है। संतो ने दोनों को आशीर्वाद दिया है । अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने कहा कि देशभर के संत और सनातन समाज को इस कार्रवाई की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। इस बहुप्रतीक्षित कार्यवाही के पूरा होने से संत समाज आनंदित है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जन्म एवं कर्म भूमि गुजरात में स्थित सोमनाथ के अनैतिक अतिक्रमण को हटाने के लिए आभार जताया है।

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