गति शक्ति विश्वविद्यालय और मोनाश विश्वविद्यालय ने रेलवे इंजीनियरिंग अनुसंधान और शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, गति शक्ति विश्वविद्यालय और मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच साझेदारी के माध्यम से संयुक्त अनुसंधान प्रयोगशाला और कार्यकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किए जाएंगे

गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) ने नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआरटी) के माध्यम से रेलवे इंजीनियरिंग में संयुक्त अनुसंधान, शिक्षा और कार्यकारी प्रशिक्षण में सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।
समझौता ज्ञापन पर मोनाश विश्वविद्यालय के उप-कुलपति-अंतर्राष्ट्रीय और वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रोफेसर क्रेग जेफरी और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी के बीच हस्ताक्षर किए गए। वाणिज्यिक मंत्री और ऑस्ट्रेड दक्षिण एशिया की प्रमुख डॉ. मोनिका कैनेडी ने नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग में कार्यक्रम की मेजबानी की।

उन्नत तकनीकी रेलवे इंजीनियरिंग पर केंद्रित एक संयुक्त अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना के साथ-साथ भविष्य की औद्योगिक परियोजनाओं पर सहयोग के अवसरों का पता लगाया जाएगा जो दोनों पक्षों को पारस्परिक लाभ प्रदान करेगा और ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय रेलवे प्रणालियों को आगे बढ़ाएगा। संयुक्त शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यकारी प्रशिक्षण एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोग क्षेत्र होगा।

प्रोफेसर क्रेग जेफरी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “मुझे मोनाश विश्वविद्यालय द्वारा परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में भारत के पहले विश्वविद्यालय, गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के साथ साझेदारी करने पर प्रसन्नता हो रही है। मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआरटी) जोखिम और लागत को कम करने के साथ-साथ बढ़ती उत्पादकता और सुरक्षा आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए लगातार नई प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है। संस्थान के पास रेलवे से संबंधित तकनीकी मुद्दों का समाधान करने में एक स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड है और इसके समाधानों को दुनिया भर में रेलवे प्रणालियों द्वारा अपनाया गया है। मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआरटी) और गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के बीच यह नई साझेदारी भारत के साथ मोनाश के जुड़ाव का एक और विस्तार है।”

प्रोफेसर मनोज चौधरी ने उल्लेख करते हुए कहा, “गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) एक उद्योग-संचालित और नवाचार-आधारित विश्वविद्यालय है, जिसके पास परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के माध्यम से राष्ट्रीय विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने का प्रासंगिक जनादेश है। रेलवे देश के परिवहन क्षेत्र की जीवन-रेखा है और तेजी से तकनीकी प्रगति के साथ, रेलवे क्षेत्र विकसित भारत की दिशा में एक परिवर्तनकारी यात्रा तय कर रहा है। हमारे बीच मोनाश विश्वविद्यालय के साथ काफी समानताएं हैं, जो एक शोध-गहन विश्वविद्यालय है। यह वैश्विक प्रभाव के लिए अग्रणी संस्थानों और उद्योग के साथ काम करता है।”

गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी), वडोदरा की स्थापना 2022 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से संपूर्ण परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के लिए सर्वोत्तम जनशक्ति और प्रतिभा तैयार करने के लिए की गई थी। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है। गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के पहले कुलपति रेल, सूचना और प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव हैं।

गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) एक “अपनी तरह का पहला” विश्वविद्यालय है जिसका लक्ष्य रेलवे, विमानन, पत्तन, पोतपरिवहन, राजमार्गों, सड़कों और जलमार्गों आदि में राष्ट्रीय विकास योजनाओं (पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022) के जनादेश को पूरा करना है। व्यावहारिक प्रासंगिकता और अत्याधुनिक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस विश्वविद्यालय के कार्यक्रम उद्योग विशेषज्ञों के सहयोग से डिज़ाइन किए गए हैं।

मोनाश विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया, रेल मंत्रालय, गति शक्ति विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेड, भारतीय समर्पित फ्रेट कोरीडोर निगम लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल), दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षर कार्यक्रम में उपस्थित थे, जो रेलवे इंजीनियरिंग क्षमताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास को प्रदर्शित करता है।


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