मुंगेली-लोरमी: छत्तीसगढ़ ओशोधारा मैत्री संघ मुंगेली-लोरमी द्वारा 15 से 17 सितंबर तक ध्यान योग शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन आर.के.पैलेस. पंडरिया रोड में किया गया। इस आयोजन में 130 साधक मित्रों ने भाग लिया और ध्यान की अनूठी विधियों से जुड़ने का अवसर प्राप्त किया। शिविर के दौरान समर्थगुरुदेव के आशीर्वाद और ओशोधारा के मार्गदर्शन में ऑनलाइन ओंकार दीक्षा दी गई, जिसमें सभी साधकों ने अपने अंतर आत्मा में गूंजते ओंकार के संगीत को अनुभव किया।
कार्यक्रम का संचालन ओशोधारा के सेंट्रल कोऑर्डिनेटर आचार्य दर्शन जी ने किया, जिनका साथ आचार्य मां भक्ति पूर्णिमा और आचार्य संतोष चंद्रा ने किया। इन आचार्यों ने ओशो की ध्यान विधियों से परिचय कराते हुए साधकों को आनंदमय जीवन जीते हुए सांसारिक जीवन के साथ अध्यात्म की ओर अग्रसर होने की अनूठी कला सिखाई।
ध्यान योग के इस सत्र में ध्यान और शारीरिक क्रियाओं के बीच संतुलन साधने की महत्ता को रेखांकित किया गया। साधकों को मानसिक शांति, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, और उल्लास पूर्ण जीवन शैली अपनाते हुए आध्यात्म विचारो में वृद्धि करने के लाभ बताए गए। ध्यान के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों को मिलाकर अभ्यास करने से मन की स्पष्टता और आंतरिक आनंद बढ़ती है, जिससे व्यक्ति मानसिक शांति और स्थिरता का अनुभव करता है।
इस आयोजन की सफलता में प्रमुख योगदानकर्ताओं में पद्मराज बघेल, संजय वैष्णव, रितु पांडेय, राजेश लहरे, कांता कुर्रे , लक्ष्मीकांत भास्कर, सोम उपाध्याय, श्रद्धा सोनी, रोमी अग्रवाल, लक्ष्मी साहू, नवीन गुप्ता, नरेन्द्र पाटकर और अमित सागर का विशेष योगदान रहा।
ध्यान और योग के माध्यम से आत्म-जागरूकता और आत्म-प्रतिबिंब को बढ़ावा देने वाले इस शिविर का अनुभव साधकों के लिए अत्यंत सुखद और प्रेरणादायक रहा।