स्पाइनल ट्यूमर (मल्टीपल मायलोमा) का न्यूरोसर्जरी विभाग अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में सफल ऑपरेशन

कमर एवं पीठ दर्द से पीड़ित एक 58 वर्षीय महिला जिसे दर्द निवारक दवा से भी आराम नहीं हो रहा था, अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती हुई। भर्ती के समय ही महिला के दोनों पैरों में ताकत कम थी तथा उसका दैनिक दिनचर्या के प्रति सेंसेशन खत्म हो चुका था।
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में उनकी एम आर आई जांच की गई। जांच में उनकी रीड की हड्डी के डी 1 डी2 लेवल में स्पाइनल कॉर्ड का ट्यूमर पाया गया।
जांच करने के समय तक मरीज के दोनों पैरों की ताकत पूरी तरह चली गई थी एवं दैनिक दिनचर्या पर कंट्रोल भी खत्म हो चुका था। जांच की रिपोर्ट प्राप्त होते ही मरीज के परिजनों को काउंसलिंग कर न्यूरोसर्जन की टीम डॉक्टर सुनील शर्मा, डॉक्टर राजकुमार एवं डॉक्टर अरविंद कुमार के द्वारा माइक्रोस्कोप की सहायता से मरीज के स्पाइनल कार्ड के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया गया ऑपरेशन के बाद मरीज के पैरों में धीरे-धीरे ताकत आना आरंभ हुआ एवं उसका दैनिक दिनचर्या में भी कंट्रोल होना आरंभ हो गया। ट्यूमर की बायोप्सी में एक असामान्य रक्त कैंसर जो बोन मैरो को प्रभावित करता है पाया गया। स्पाइनल मल्टीपल मायलोमा नामक इस बीमारी की वजह से नसों का बना एवं कमर पीठ में दर्द के साथ पैरालिसिस हो जाना भी इसके लक्षण है। यह मरीज अभी स्वस्थ एवं बिना किसी सहारे की चल फिर पा रही है। साथ ही। अपने रक्त कैंसर का अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में इलाज प्राप्त कर रही है।
रीड की हड्डी का दर्द कमर दर्द एवं गले दर्द नसों के दबाव की वजह से हो सकता है एवं सही समय पर योग्य चिकित्सक की राय एवं जांच आवश्यक है।
इस तरह की समस्याओं के लिए अपोलो अस्पताल बिलासपुर में हाई पावर माइक्रोस्कोप एवं न्यूरोसर्जन की एक अनुभवी व एक्सपर्ट टीम उपलब्ध है जो नसों की जटिल बीमारी के साथ स्पाइनल ट्यूमर एवं साइटिका का भी सफल ऑपरेशन करने में सिद्धहस्त है।

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