आकाश मिश्रा
तीन मासूम बच्चों और पत्नी की हत्या करने वाले हत्यारे को बिलासपुर सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। सेशन जज अविनाश के त्रिपाठी ने फैसले में लिखा कि दोषी को फंदे से तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मौत ना हो जाए । पूरा मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र का है । चार हत्याओं के मामले में पुलिस ने 7 महीने के भीतर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। आरोपी उमेंद्र केवट को दोषी मानते हुए उसे फांसी की सजा दी गई है। ग्राम हिर्री निवासी 34 वर्षीय उमेंद्र केशव केवट की शादी 2017 में सुकृत केवट से हुई थी। उसकी 5 और 3 साल की दो बेटी और 18 साल का एक बेटा था।
1 जनवरी की रात पत्नी जब बाड़ी में गई थी तो आरोपी ने पीछे से नायलॉन की रस्सी से उसका गला घोट दिया। इसके बाद उसने घर पर सो रहे एक-एक कर बच्चों का भी गला घोंटकर उन्हें मार दिया। आरोपी ने खुद भी आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसमें नाकाम होने के बाद वह थाने पहुंच गया। बच्चों की हत्या करने के बाद उमेन्द्र ने फांसी लगाने का प्रयास किया लेकिन रस्सी टूट गई। फिर घर पर कीटनाशक ढूंढता रहा। जब कुछ नहीं मिला तो उसने थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। बताया जा रहा है कि उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था और इसी वजह से उसने हंसते खेलते परिवार को अपने ही हाथों खत्म कर दिया।
कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए उमेंद्र को मृत्युदंड दिया है। हालांकि वह खुद भी मरना चाहता था। पता नहीं आखिर इस सबसे उसे क्या हासिल हुआ।