


बिलासपुर पुलिस ने ऑपरेशन प्रहार के तहत ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफार्म रेड्डी अन्ना के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की है, जिसमें करोड़ों रुपए के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है। इस मामले में दो आरोपी पकड़े गए हैं, जबकि मुख्य आरोपी की पुलिस को तलाश है।

बिलासपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बिलासपुर में ऑनलाइन गेम के ब्रांच खोलकर बड़े पैमाने पर सट्टा खिलाया जा रहा है। सूचना के बाद साइबर सेल बिलासपुर और सरकंडा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दीपक यादव और संजय जायसवाल को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि इस पूरे कारोबार का असली संचालक तो विकास अग्रवाल है। जिसके लिए दोनों काम करते हैं ।विकास अग्रवाल ने दुबई हेड ऑफिस से संचालित बेटिंग एप रेड्डी अन्ना का पैनल प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया था और अपना ब्रांच लेकर उसे श्रीलंका के कोलंबो और मनाली से संचालित कर रहा था। दोनों ने बताया कि वे कुछ दिनों से बिलासपुर में आकर यह काम कर रहे थे।
पुलिस ने उनके कब्जे से ऑनलाइन सट्टा खिलाने में उपयोग आने वाली सामग्री पासपोर्ट , लैपटॉप, 27 मोबाइल, 170 से अधिक फर्जी सिम, 7 बैंक पासबुक, नगद चेक बुक, 19 एटीएम कार्ड, 20 से अधिक बैंक अकाउंट प्राप्त किया है । बैंक अकाउंट में 5 लाख से अधिक रुपए की राशि को पुलिस ने होल्ड कराया है, तो वही पुलिस के हाथ दो रजिस्टर भी लगे हैं जिसमें करोड़ों रुपए के सट्टे का हिसाब किताब दर्ज है।

रेड्डी अन्ना पैनल में 100 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग साइट उपलब्ध है, जिसमें कस्टमर को क्रिकेट, फुटबॉल हॉकी ,एविएटर गेम, कसीनो हॉर्स राइडिंग आदि खिलाई जाती है। इस पैनल में क्रिकेट बैट 99, लेजर 247, 11 X प्ले, प्ले 247 जैसे ऑनलाइन गेम साइट मौजूद है। यह गेम श्रीलंका मनाली से संचालित होते हैं। भारत में संचालित ब्रांच में बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के लड़के काम करते थे। बिलासपुर में इन लोगों ने ब्रांच शुरू ही किया था कि पुलिस की हत्थे चढ़ गए। इस मामले में पुलिस ने बाजार पारा बेलगहना में रहने वाले संजय जयसवाल और फॉरेस्ट कॉलोनी बेलगहना में रहने वाले दीपक यादव को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी ब्रांच संचालक बेलगहना निवासी विकास अग्रवाल की पुलिस को तलाश है। पुलिस को यह जानकारी मिली है कि इनके द्वारा लेनदेन हेतु उपयोग में किए गए बैंक खातों में करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।

बैंक अकाउंट से जानकारी लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी। पता चला कि विकास अग्रवाल ने दुबई में बैठे हेड ऑफिस के मुख्य संचालक से व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क कर 25 से 50 लाख रुपए में रेड्डी अन्ना का ब्रांच लिया था और अंतर राज्यीय सटोरिया का काम करते हुए ऑनलाइन सट्टा खिला रहा था ।कस्टमर के साथ टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया जाता था ।यह भी पता चला कि मुनाफे का 65% हेड ऑफिस को और 35% ब्रांच को मिलता था। ब्रांच के लेनदेन हेतु फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया जा रहा था।
